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नए मकान में जब आप नींव की खुदाई करवा रहे हैं तो ध्यान रखें कि उत्तर व पूर्व की दिशा में सबसे पहले खुदाई करवाएं. वहीं, पश्चिम की दिशा को सबसे अंत में खोदें व दक्षिण की दिशा में आप नींव भरने का कार्य करें….और पढ़ें
New Home Foundation Vastu : मकान बनाने के पूर्व नींव खोदी जाती है और उस नींव में वास्तु के अनुसार धातु का एक सर्प और कलश रखा जाता और फिर नींव रखी जाती है. आखिर ऐसा क्यों करते हैं ? भगवान् शिवजी के आभूषण तो नाग है ही. लक्ष्मण और बलराम शेषावतार माने जाते हैं. इसी विश्वास से यह प्रथा जारी है. पुराणों के अनुसार भगवान शेषनाग ने धरती को अपने फन पर उठाकर रखा है. पौराणिक ग्रंथों में शेषनाग के फण पर पृथ्वी टिकी होने का उल्लेख मिलता है.
पुराणों के अनुसार सात तरह के पाताल बताए गए हैं : अतल, वितल, सतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल. पाताल लोग में ही नागलोक है जहां के राजा वासुकि नाग है. शेषनाग उनके बड़े भाई हैं. हजार फणों वाले शेषनाग समस्त नागों के राजा हैं. नींव पूजन के दौरान प्रतिकात्मक रूप से शेषनाग की आकृति को कलश के सात रखा जाता है. इसमें यही भाव रहता है कि जैसे शेषनाग अपने फण पर संपूर्ण पृथ्वी को धारण किए हुए है और रक्षा किए हुए हैं उसी उसी प्रकार मेरे इस भवन की की भी रक्षा करें.
चांदी का नाग रखने का महत्व : नींव में चांदी के नाग बनाकर रखा जाता है. उसके साथ विष्णुरूपी कलश कलश को क्षीरसागर का भी प्रतीक माना है जिसमें जल और दूध मिला होता है और उसमें जो सिक्का रखा जाता है वह देवी लक्ष्मीजी का प्रतीक है. तीनों का विधिवत रूप से पूजन होता है. नींव को भरने से पहले उसमें चांदी का बना हुआ नाग-नागिन का जोड़ा दबाया जाता है. माना जाता है कि जिस प्रकार से भगवान कृष्ण की रक्षा शेषनाग ने की थी उसी प्रकार से यह भी घर को हर प्रकार की बलाओं से बचाएगा.
नींव में यह भी रखें : नींव खोदने के उपरांत उसमें कुछ विशेष उपकरण पूजा करके नींव के अंदर रखे जाते हैं. नींव के अंदर एक कलश स्थापित करना चाहिए उस कलश के अंदर चांदी के सांप का जोड़ा ,लोहे की चार कील, हल्दी की पांच गांठें, तुलसी की पत्तियां, पान के पत्ते, मिट्टी के दीपक, छोटे आकार के 5 औजार, फल, नारियल, गुड, चौकोर पत्थर, शहद, जनेऊ, पंचरत्न और पंचधातु सामान रखकर नींव के अंदर दबा देना चाहिए.
समय मुहूर्त का रखें ध्यान : सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के पश्चात नीव खुदाई का कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए, इसके अतिरिक्त नींव खुदाई किसी भी समय की जा सकती है. विधि विधान से नींव की पूजा करने से घर में सुख, शांति और संपन्नता आती है.
January 16, 2025, 09:54 IST