नई दिल्ली. पूरी दुनिया में ऑनलाइन स्कैमिंग और फ्रॉड के मामले बढ़ हैं. सोशल नेटवर्किंग साइटें और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म भी इससे अछूते नहीं हैं. पिछले कुछ समय में स्कैमर्स ने टेलीग्राम जैसे प्लैटफॉर्म का खूब इस्तेमाल किया है. इसे देखते हुए मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया है. यह स्कैमर्स से निपटने और गलत सूचना को कम करने के लिए डिजाइन की गई है. हाल के साल में, Telegram को फिशिंग स्कीमों, नकली निवेश चैनलों, साइबर-बुलिंग और बहुत तरह के फ्राॅड के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. लेकिन अब, कंपनी के पास एक नया वेरिफिकेशन सिस्टम है जो सार्वजनिक हस्तियों और संगठनों को सत्यापित बैज प्राप्त करने की अनुमति देती है, जिससे यूजर्स सूचना के वैध स्रोतों को जल्दी से पहचान सकते हैं.
पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, टेलीग्राम अब आधिकारिक थर्ड पार्टी सर्विस को सपोर्ट करता है जो यूजर के अकाउंट और चैट को वेरिफिकेशन आइकन असाइन कर सकते हैं. ये सिस्टम टेलीग्राम की मौजूदा वेरिफिकेशन प्रोसेस से स्वतंत्र रूप से संचालित होता है.
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कैसा होगा वेरिफिकेशन मार्क
वैसे आमतौर पर आपने ब्लू चेकमार्क देखा है, लेकिन टेलीग्राम पर, थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन सर्विस इस ट्रेडिशनल ब्लू चेकमार्क का इस्तेमाल नहीं करेगी. यूजर के नाम के बाईं ओर एक अलग तरह का आइकन बना हुआ दिखेगा. जिन अकाउंट्स को थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन सिस्टम ने वेरिफाइड कर दिया है, उनके प्रोफाइल पर क्लिक करके वेरिफिकेशन सर्विस के बारे में जान सकते हैं.
वेरिफाइड अकाउंट को स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाएगा, जिससे यूजर्स को उनकी प्रामाणिकता पर भरोसा होगा. इस सुविधा से व्यवसायों, प्रभावशाली लोगों और सार्वजनिक संस्थाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे सुरक्षित और भरोसेमंद बातचीत सुनिश्चित होगी. प्लेटफॉर्म में संदिग्ध खातों के खिलाफ रिपोर्टिंग के लिए टूल भी शामिल होंगे, जिससे फ्रॉड गतिविधि को कम किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 17:47 IST