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तमन्ना के पिता उसको बेटा मानते थे. बाबू खान मजदूरी कर अपना परिवार चलाते थे. वह अपनी बेटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनाकर देश के लिए गोल्ड लाने का सपना संजोकर रखे हुए थे लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. …और पढ़ें
अभ्यास करते हुए तमन्ना
चूरू. ये कहानी है जिद, जुनून और संघर्ष की. शेखावाटी की धरती वीरों और तपस्वीयों की धरती है उसी धरती पर जन्म लेने वाले उस हर एक इंसान में जिद, जूनून और कुछ कर गुजरने के जज्बे का एक ऐसा DNA है जो उसे आनुवंशिक रूप से जन्म के साथ ही मिलता है फिर चाहे सामने परिस्थितियां और चुनौतियां कैसी भी हो. जी हां हम बात कर रहे हैं चूरू की 14 बरस की उस बेटी की जो आज उसी ट्रैक पर अपने सुनहरे भविष्य के लिए पसीना बहा रही है जिस ट्रैक पर उसने हमेशा के लिए अपने पिता को खोया था.
रांची झारखंड में आयोजित हुई राष्ट्रीय स्कूली एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन हजार मीटर पैदल चाल में ब्रॉन्ज मेडल लाने वाली तमन्ना बताती हैं उसके पिता बाबू खान उसे बेटी नहीं बेटा मानते थे. छोटी, मोटी मजदूरी कर अपना परिवार चलाने वाले बाबू खान बेटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बना देश के लिए गोल्ड लाने का सपना संजोए थे लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. तमन्ना बताती हैं उसने जुलाई 2023 में चूरू के खेल स्टेडियम में तैयारी शुरू की थी. पिता हर रोज उसे स्टेडियम तैयारी के लिए ले जाते थे कि एक दिन उसी ट्रैक पर तैयारी करवाते समय हृदय गति रुक जाने से उनकी मृत्यु हो गई.
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कोच ईश्वर सिंह लांबा करवा रहे मुफ्त तैयारी
14 साल की तमन्ना बताती हैं कि उसी ट्रैक पर फिर से एक बार पैर रखा तो काफी तकलीफ हुई, लेकिन उसके पिता की इच्छा थी कि वह ट्रेक पर इतनी शिद्द्त से मेहनत करें कि वह एक अच्छी खिलाड़ी बन सके और उसी का परिणाम अब नजर आने लगा है. रिटायर्ड खेल अधिकारी ईश्वर सिंह लांबा बताते हैं कि तमन्ना की पारिवारिक स्थिति का पता चलने पर उन्होंने तमन्ना को निःशुल्क तैयारी करवाने का निर्णय लिया.
तमन्ना के पिता की मौत के बाद आज तमन्ना के घर में कोई कमाने वाला तक नहीं है. घर में मां और छोटी बहनें हैं. रिटायर्ड खेल अधिकारी ईश्वर सिंह लांबा बताते हैं 14 वर्षीय तमन्ना ने 2024 मे शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय एथलेटीक चैंपियनशिप में अपनी उम्र से 5 बरस बड़ी 19 साल आयु वर्ग में तीन हजार मीटर में जिला स्तर पर प्रथम रही फिर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया और फिर रांची झारखंड में राष्ट्रीय स्तर पर ब्रॉन्ज मेडल लेकर आई. तमाम चुनौती और विपरीत परिस्थितियों के बीच तमन्ना आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बन देश के लिए गोल्ड लाने का सपना संजोए हुए हैं.
Churu,Churu,Rajasthan
January 22, 2025, 15:07 IST