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Kalashtami 2025 Date: मासिक कालाष्टमी व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. मासिक कालाष्टमी व्रत के दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है. इस दिन व्रत रखकर काल भैरव की पूजा करते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं…और पढ़ें
मासिक कालाष्टमी व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत माह में एक बार ही आता है. इस दिन व्रत रखकर काल भैरव की पूजा करते हैं. साल के पहले मासिक कालाष्टमी व्रत के दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है. काल भैरव को तंत्र और मंत्र का देवता मानते हैं. इनकी पूजा करने से व्यक्ति की नकारात्मकता दूर होती है. काल भैरव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. मासिक कालाष्टमी व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि मासिक कालाष्टमी व्रत कब है? पूजा का मुहूर्त और द्विपुष्कर योग कब है?
मासिक कालाष्टमी व्रत 2025 तारीख
पंचांग के अनुसार, मासिक कालाष्टमी व्रत के लिए जरूरी माघ कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ 21 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जनवरी को दोपहर 3 बजकर 18 मिनट पर होगा. पूजा मुहूर्त के आधार पर देखा जाए तो मासिक कालाष्टमी व्रत 21 जनवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा.
द्विपुष्कर योग में मासिक कालाष्टमी 2025
साल के पहले मासिक कालाष्टमी व्रत के दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है. इस योग में आप जो भी शुभ कार्य करते हैं, उसका दोगुना फल प्राप्त होता है. व्रत के दिन द्विपुष्कर योग सुबह 07 बजकर 14 मिनट से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक है.
व्रत वाले दिन धृति योग प्रात:काल से लेकर 22 जनवरी को तड़के 3 बजकर 50 मिनट तक है. उसके बाद से शूल योग होगा. व्रत के दिन चित्रा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 36 मिनट तक है. उसके बाद स्वाति नक्षत्र है.
मासिक कालाष्टमी 2025 मुहूर्त
21 जनवरी को मासिक कालाष्टमी की पूजा का मुहूर्त देर रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक है. कालाष्टमी पूजा निशिता काल में करते हैं. उस दिन के अन्य मुहूर्त नीचे दिए गए हैं-
ब्रह्म मुहूर्त: 05:27 ए एम से 06:20 ए एम तक
अभिजीत मुहूर्त: 12:11 पी एम से 12:54 पी एम तक
राहुकाल: 03:12 पी एम से 04:32 पी एम तक
मासिक कालाष्टमी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग मासिक कालाष्टमी व्रत रखते हैं, उनकी रक्षा महाकाल करते हैं. काल भैरव की कृपा से व्यक्ति अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है. भगवान काल भैरव अपने भक्त की हर प्रकार से रक्षा करते हैं. रोग, दोष, तंत्र, मंत्र सब से वह सुरक्षित रहता है.
January 18, 2025, 20:36 IST