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Vindhyavasini Temple flag importance in hindi: देश के तमाम मंदिर में आपने बांस के बड़े डंडों पर लाल रंग का तिकोना झंडा लगा देखा होगा. सभी धार्मिक स्थलों में लगने वाले इन झंडों का अपना महत्व और मान्यताएं होती हैं.
मिर्जापुर: प्रयागराज और काशी के बीच मां विंध्यवासिनी की नगरी मिर्जापुर है. विंध्यवासिनी धाम में दर्शन के लिए देश-विदेशों से लोग आते हैं. शारदीय और चैत्र नवरात्रि में यहां पर 30 लाख से अधिक भक्त दर्शन-पूजन करते हैं. मां विंध्यवासिनी के झांकी दर्शन के साथ ही पताका दर्शन का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि पताका दर्शन मात्र से ही मां के दर्शन पूर्ण हो जाते हैं. नवरात्रि सहित विशेष पर्वों पर मां पताका में ही विद्यमान रहती है इसलिए मां विंध्यवासिनी के पताका दर्शन का विशेष महत्व है.
विंध्यधाम के प्रख्यात कथावाचक पंडित अनुपम महराज ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि मां विंध्यवासिनी पराअंबा जगतजननी हैं. भगवती दिव्य स्वरूप में यहां पर विराजमान हैं. कहा जाता है कि बाकी ध्वज पर हनुमान विराजमान रहते हैं. महाभारत में भी अर्जुन के रथ पर स्वयं पताका में भगवान हनुमान थे. हालांकि, मां विंध्यवासिनी के ध्वज में स्वयं पराअंबा का षटकोण होता है. मां का त्रिभुज कोण दो रूप में विद्यवान होकर हृम नामक महामंत्र लिखा होता है. वह महामंत्र स्वयं मां विंध्यवासिनी हैं. अगर आपको मां के दर्शन की प्राप्ति नहीं हो रही है तो पताका का दर्शन ही मां के दर्शन के बराबर है.
नवरात्रि में पताका में विराजमान रहती है मां
पं. अनुपम महराज ने बताया कि मां विंध्यवासिनी नवरात्रि में स्वयं ध्वज पर विराजमान रहती हैं. पताका दर्शन से ही मां के दर्शन के बराबर का पुण्य मिलता है. अगर भक्त मां विंध्यवासिनी धाम में आ रहे हैं तो झांकी दर्शन भी कर सकते हैं. कहते है कि मां की झांकी पर कुछ भी बाकी नहीं रहता है. आप मां विंध्यवासिनी धाम आ रहे हैं तो झांकी दर्शन कर सकते हैं. झांकी दर्शन नहीं हो रहा है तो पताका दर्शन भी कर सकते हैं.