नई दिल्ली. अर्जुन कपूर ने साल 2024 में बॉलीवुड के नए विलेन के रूप में पहचान बनाने की कोशिश की है. साल 2012 में आई फिल्म ‘इश्कजादे’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने के बाद उन्हें कई फिल्मों में देखा गया, लेकिन अपने करियर में अभी तक वो सिर्फ दो ही सोलो हिट्स दे सके. अर्जुन अपने खरेपन के लिए इंडस्ट्री में फेमस हैं. हाल ही में उन्होंने 2017 की फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ पर काम करने के अपने एक्सपीरियंस के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में विलेन का किरदार निभाने के लिए मिली सराहना और अपनी पुरानी परफॉर्मेंस पर चर्चा की.
साल 2017 में आई फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में अर्जुन कपूर ने लीड रोल निभाया था. फिल्म में उनके साथ श्रद्धा कपूर और विक्रांत मैसी भी नजर आए थे. चेतन भगत के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म को मोहित सूरी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म के रिलीज के 7 साल बाद अर्जुन ने अफसोस जताया कि काश वे फिल्म में अपनी बोली की प्रामाणिकता को बनाए रख पाते. इसके साथ उन्होंने माना कि विक्रांत मैसी फिल्म में उनसे बेहतर थे. विक्रांत ने ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में एक को-एक्टर की भूमिका निभाई है.
ओरिजिनल डायलॉग डिलीवरी बहुत बेहतर थी
अर्जुन ने साझा किया कि वे ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में अपने परफॉमेंस से बहुत इंप्रेस नहीं थे क्योंकि उन्हें लगता था कि डबिंग ने उनके परफॉमेंस की सच्चाई को कम कर दिया था. उन्होंने कहा कि उनकी ओरिजिनल डायलॉग डिलीवरी बहुत बेहतर थी और विक्रांत की फिल्म में आवाज थोड़ी दबी हुई थी.
अर्जुन कपूर को है ये अफसोस?
अर्जुन कपूर ने गलट्टा प्लस से बातचीत में कहा, ‘काश मुझे ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ के लिए डबिंग नहीं करनी पड़ती. मुझे लगता है कि मैंने सेट पर अच्छा काम किया था लेकिन दुर्भाग्यवश, मुझे डबिंग करनी पड़ी और मैं डबिंग का बहुत शौकीन नहीं हूं क्योंकि यह उस पल की सच्चाई को कम कर देती है. उन्होंने आगे कहा कि मैं ये नहीं कह रहा कि यह मेरा सबसे खराब प्रदर्शन था, लेकिन एक आलोचक के रूप में मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो कहता हूं काश मैं बोली (आवाज) को वैसे ही बनाए रखता.
विक्रांत डबिंग में बहुत बेहतर है
उन्होंने आगे कहा कि शेड्यूलिंग के कारण, उन्हें लगा कि उन्होंने खुद को परिस्थितियों में ‘समेट’ लिया. जैसे विक्रांत डबिंग में बहुत बेहतर हैं. वह फिल्म में भी बहुत बेहतर एक्टर हैं. अर्जुन ने माना कि मैं डबिंग में अपनी बोली को सही से नहीं पकड़ पाया जो मैंने सेट पर किया था. तो यह एक छोटा सा उदाहरण है, जिसको आप पीछे मुड़कर देखते हैं तो सीखते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 13:30 IST