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निशिता ने अपने पिता से प्रेरणा लेकर फुटबॉल में करियर बनाया और नेशनल लेवल पर मेडल जीते. वह मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम में ट्रेनिंग कर रही हैं और अन्य युवाओं को भी प्रेरित कर रही हैं.
निशिता
हाइलाइट्स
- निशिता ने नेशनल लेवल पर फुटबॉल में मेडल जीता.
- पिता की प्रेरणा से निशिता ने फुटबॉल में करियर बनाया.
- निशिता मुरादाबाद में युवाओं को ट्रेनिंग दे रही हैं.
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की निशिता ने अपने पिता से प्रेरणा लेकर फुटबॉल के मैदान में कदम रखा और अब देश का नाम रोशन करने की राह पर हैं. उनके पिता भारतीय सेना में थे और देश सेवा में अपना योगदान दिया. उन्हीं की प्रेरणा से निशिता ने खेल जगत में अपना करियर बनाने का फैसला किया. उन्होंने कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और हाल ही में नेशनल लेवल पर भी मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा साबित की.
निशिता सोनकपुर स्टेडियम, मुरादाबाद में फुटबॉल की ट्रेनिंग कर रही हैं. उन्होंने बताया, “हाल ही में मैंने नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और वहां मेडल जीतने का सौभाग्य मिला. इससे पहले हरियाणा में पढ़ाई के दौरान कई स्टेट लेवल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और वहां भी कई मेडल जीते. अब मुरादाबाद आने के बाद भी मैं 3-4 राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में खेल चुकी हूं और कुल मिलाकर एक दर्जन से ज्यादा मेडल अपने नाम कर चुकी हूं. मेरा सपना है कि मैं देश के लिए खेलूं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करूं.”
पिता बने प्रेरणा का स्रोत
निशिता बताती हैं कि उनके पिता सेना में थे और उन्होंने ही बचपन से उन्हें अनुशासन और मेहनत का महत्व सिखाया. “मेरे पिता ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. उनकी तरह मैं भी देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहती हूं. इसलिए मैंने खेल को अपना करियर बनाया. अब मेरा पूरा फोकस अपने खेल को और बेहतर बनाने पर है, ताकि मैं भारत के लिए मेडल जीत सकूं.”
दे रही ट्रेनिंग
निशिता न केवल खुद को निखार रही हैं, बल्कि अन्य युवा खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग देकर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं. उनका मानना है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से कोई भी अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है.