Last Updated:
अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम के प्रथम तल पर मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा अक्षय तृतीया को हो सकती है. मंदिर निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और मूर्तियां जयपुर से अयोध्या पहुंचेंगी. इस संबंध में ट्रस्ट की ओर…और पढ़ें
अयोध्या के राम मंदिर में एक बार फिर उत्सव की तैयारियां हैं.
हाइलाइट्स
- अक्षय तृतीया को राम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
- मूर्ति स्थापना के लिए जयपुर से अयोध्या पहुंचेंगी.
- प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
अयोध्या. एक बार फिर राम मंदिर में भव्य उत्सव मनाया जाएगा और मौका होगा भगवान राम मंदिर के प्रथम तल और सप्त मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का. इसको लेकर मंदिरों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. बस मंदिर में नई मूर्तियां स्थापित की जाना है. भगवान राम के भव्य महल के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिमा स्थापित होगी. यहां मूर्तियों को अक्षय तृतीया को स्थापित किया जा सकता है. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 1 मई से 15 मई के बीच शुभ मुहूर्त देखकर की जाएगी. जल्द ही मूर्तियां जयपुर से अयोध्या पहुंचेंगी और राम दरबार की मूर्ति मुख्य मंदिर में इसके साथ ही परकोटे में बनाए जा रहे हैं सप्त मंदिर में मूर्तियों की स्थापना की जाएगी. इसके बाद धूमधाम से राम मंदिर परिसर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
राम मंदिर ट्रस्ट ने बीते दिनों अयोध्या के प्रकांड ज्योतिष विद्वानों से शुभ मुहूर्त को लेकर के मंत्रणा किया था जिसमें लोगों ने अपनी अपनी राय दी है लेकिन मंदिरों में मूर्तियों को पहुंचने को लेकर के अक्षय तृतीया को सबसे शुभ दिन माना गया है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए गंगा दशहरा की तिथि चिन्हित हो सकती है हालांकि अभी आखिरी घोषणा ट्रस्ट की तरफ से होगी. यह माना जा रहा है कि मई माह में एक बार फिर राम मंदिर परिसर में धूमधाम से राम मंदिर के प्रथम तट पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
इतना ही नहीं राम दरबार में दर्शन को लेकर भी रूपरेखा तय की गई है. राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान राम अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान होंगे. ऐसे में जो लोग राम दरबार का दर्शन करना चाहेंगे उनको पास लेना होगा. राम लला के दर्शन का सुगम और विशिष्ट दर्शन पास और आरती के पास पूर्ण रूप से निशुल्क है. इसी तर्ज पर 1 घंटे में 50 पास राम मंदिर ट्रस्ट राम दरबार के दर्शन का जारी करेगा क्योंकि मंदिर प्रथम तल पर वजन और लोगों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है. दिन भर में ज्यादा से ज्यादा 700 लोग ही भगवान राम के भव्य महल के प्रथम तल पर जाकर भगवान राम के दरबार का दर्शन कर सकेंगे.