Last Updated:
Mirzapur News Hindi Today: पुलिस ने अपनी जांच में बताया कि प्रथम दृष्टया ही बाबा पर संदेह गहरे हो गए थे. जांच में सामने आया कि वंशीदास के गुरु महराज जयरामदास बाबा और सतुआ बाबा के बीच मंदिर के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा…और पढ़ें
गिरफ्तार चोर
मिर्जापुर: कहते है कि सामान कीमती हो तो लोगों की नीयत नहीं डोलती, लेकिन सामान बेशकीमती हो तो ज्ञान की बात करने वाला बाबा की भी नियति बदल जाती है. यूपी के मिर्जापुर जिले में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. श्रीराम-जानकी मंदिर से अष्टधातु की तीन बेशकीमती मूर्तियां चोरी हो गईं. मूर्ति चोरी होने के बाद मंदिर की देख-रेख करने वाले बाबा ने पुलिस से शिकायत की. शिकायत के बाद पुलिस जांच में जुटी तो हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए. दरअसल, मंदिर के बाबा ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर मूर्तियों को गायब कर दिया था. पुलिस को संदेह न हो, इसलिए मुकदमा भी दर्ज कराया. पुलिस ने बाबा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. तीन बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियां बरामद की गई हैं. बरामद मूर्ति की कीमत करीब 32 करोड़ रुपये है.
मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र के कठिनई में श्रीराम-जानकी मंदिर से 14 जनवरी को अष्टधातु की तीन बेशकीमती मूर्तियां चोरी हुई थी. मंदिर की देख-रेख करने वाले बाबा वंशीदास ने पड़री थाना में मुकदमा दर्ज कराया. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस जांच में जुट गई. शनिवार को पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया. पुलिस ने वादी बाबा वंशीदास उर्फ बृजमोहन दास, लवकुश पाल निवासी दसोपुर भदोही, मुकेश कुमार सोनी निवासी पूरे नान्हा शुक्ल प्रतापगढ़ और राम बहादुर पाल निवासी डुबकी प्रयागराज को गिरफ्तार किया है. करीब 65 किलो वजनी तीन अष्टधातु की मूर्ति, दो मुकुट, एक हार, मछलीनुमा कुंडल और घटना में प्रयुक्त बोलेरो वाहन को पुलिस ने बरामद किया है.
मठ बनाने की चाहत में चोरी
एसपी नक्सल ओपी सिंह ने बताया कि आश्रम के केयरटेकर बाबा ने मूर्ति गायब होने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया. प्रथम दृष्टया ही बाबा पर संदेह गहरे हो गए थे. जांच में सामने आया कि वंशीदास के गुरु महराज जयरामदास बाबा और सतुआ बाबा के बीच मंदिर के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है. विवाद में जयरामदास बाबा की पूरी मदद की. बाबा ने वादा किया था कि विवाद खत्म होने पर मंदिर का स्वामित्व सौंप देंगे. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. दो माह पहले पता चला कि बाबा भतीजे को स्वामित्व सौप रहे हैं. जिसके बाद मंदिर में चोरी की प्लांनिग बनाई गई.
1987 में चोरी का हुआ था प्रयास
एसपी नक्सल ने बताया कि 1987 में मंदिर में चोरी का प्रयास हुआ था. मूर्ति बचाने के दौरान पुजारी की हत्या हुई थी. इस मामले में कुछ लोग जेल गए थे. घटना के बाद बेशकीमती मूर्तियों को वाराणसी लॉकर में रखवा दिया गया था. 2007 में कठिनई में मंदिर की स्थापना कराई गई. पुनः मूर्ति को लाकर मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी. जांच में सामने आया है कि बाबा को गनर मिला हुआ है. हालांकि, चोरी के दिन वह भी साथ मौजूद नहीं था.
पहले कराई टेस्टिंग, फिर की चोरी
एसपी नक्सल ओपी सिंह ने बताया कि बाबा चोरी करने के बाद मूर्तियों को बेचने की प्लानिंग में थे. मूर्तियों को बेचने के बाद मठ बनाने का सपना था. बताया कि कुछ दिनों पहले बाबा ने मुकेश सोनी से मूर्तियों की जांच कराई थी कि ये कीमती है कि नहीं. मुकेश डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है. शातिर बाबा वंशीदास ने पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया. इनको गिरफ्तार करने वाली टीम को 40 हजार रुपये का इनाम दिया गया है.
Mirzapur,Uttar Pradesh
January 18, 2025, 21:41 IST