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Korba Pyarelal Vastrakar Success Story: कोरबा के पोंड़ी बहार बस्ती में रहने वाले 68 वर्षीय प्यारेलाल वस्त्रकार किसी परिचय के मोहतास नहीं हैं. 68 वर्ष की उम्र में ऐसा कारनामा किया कि लोग सोच भी नहीं सकते हैं. राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग कंपटीशन के दो विधाओं…और पढ़ें
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कोरबा. जिस उम्र में लोगों के लिए चलना-फिरना मुहाल हो जाता है. लोग उठने-बैठने के लिए भी सहारे की तलाश करते हैं. इस उम्र में वन विभाग के रिटायर्ड चालक ना सिर्फ सुबह कसरत करते हैं, बल्कि जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले वेटलिफ्टिंग कंपटीशन में हिस्सा लेते हैं. उन्हें प्रतियोगिता के विभिन्न विधाओं में भारी वजन उठाते देख लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं.
उन्होंने एक बार फिर राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग कंपटीशन के दो विधाओं में गोल्ड मेडल हासिल कर लोहा मनवाया है. जी हां हम बात कर रहे हैं शहर के पोंड़ी बहार बस्ती में रहने वाले 68 वर्षीय प्यारेलाल वस्त्रकार की. वे कोरबा वनमंडल में बतौर वाहन चालक पदस्थ थे और 35 साल की नौकरी में कई उतार-चढ़ाव देखे.
कई प्रतियाेगिता में जीत चुक हैं मेडल
प्यारेलाल वस्त्रकार को नौकरी के दौरान शारीरिक परेशानियां भी झेली. इसके बावजूद श्री वस्त्रकार ने हार नहीं मानी. वे शुरू से ही खेल प्रेमी थे. ऐसे में उन्होंने नौकरी के शेष कुछ सालों में ही खेल के उस विधा को चुना, जिसे सुनकर ही लोग हार मान लेते हैं. श्री वस्त्रकार ने नौकरी के साथ साथ राजकुमार पांडेय और राधेश्याम मिश्रा के सान्निध्य में वजन उठाने का अभ्यास शुरू कर दिया. उन्हें कुछ ही माह के भीतर वेटलिफ्टिंग में महारथ हासिल हो गई. वे विभाग की ओर से होने वाले प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगे. उन्होंने बिलासपुर, रायपुर, भिलाई, दिल्ली सहित देश के विभिन्न महानगरों में होने वाले प्रतियोगिता के गोल्ड व सिल्वर मेडल हासिल कर ना सिर्फ विभाग बल्कि जिले का नाम रोशन किया.
68 वर्ष की उम्र में वेटलिफ्टिंग में जीता गोल्ड
प्यारेलाल वस्त्रकार के इस हुनर पर सेवानिवृत्त के बाद विराम लगने का कयास लगाया जा रहा था. इसके विपरीत उन्होंने अभ्यास जारी रखा और रिटायर होने के बाद भी गैर विभागीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेते रहे. उन्होंने भिलाई में 11 व 12 जनवरी को आयोजित विभिन्न वर्ग के राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग कंपटीशन में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता के बेंच प्रेस में 55 किलो और डेड लिफ्ट में 100 किलो भार उठाकर लोगों को हतप्रभ कर दिया. उन्होंने 68 वर्ष की आयु वर्ग में दर्जनों खिलाड़ियों को मात देते हुए प्रथम स्थान हासिल कर लिया. उनकी इस उपलब्धि के लिए आयोजन समिति द्वारा गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया है.
खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करे प्रशासन
रिटायर्ड कर्मी प्यारेलाल वस्त्रकार का कहना है कि खेल जीवन के अंतिम समय तक जारी रखना चाहते हैं. खेल प्रतिभा को अपने पोता जीत वस्त्रकार में देखना चाहते हैं. इसके लिए पोता को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है. जीत ने भी पहले ही प्रयास में चौथा स्थान प्राप्त किया है. उनका कहना है कि जिले में प्रतिभाओं की कमी नही है. बशर्ते प्रशासन अधिक उम्र के खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करे. रिटायर्ड कर्मचारी का पेंशन घर खर्च में ही खत्म हो जाता है. ऐसे में अभ्यास के लिए सुविधा व संसाधन की कमी होती है.
Korba,Chhattisgarh
January 16, 2025, 19:47 IST