बहराइच: उत्तर प्रदेश में सशस्त्र सीमा बल यानी कि SSB की एक टीम ने 17 साल की एक नेपाली लड़की को संदिग्ध मानव तस्कर के चंगुल से मुक्त कराया है। अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लड़की को कथित तौर पर तस्करी कर बेंगलुरु ले जाया जा रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि लड़की को नेपाल के एक NGO को सौंप दिया गया और आरोपी मानव तस्कर को नेपाल पुलिस के हवाले कर दिया।
‘भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है’
SSB की 42वीं बटालियन के उपसेनानायक दिलीप कुमार ने बताया, ‘प्रयागराज महाकुम्भ के मद्देनजर जारी ‘ऑपरेशन अलर्ट’ के तहत हमने भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी हैं और सुरक्षा जांच को तेज कर दिया है।’ कुमार ने बताया कि सोमवार शाम SSB के जवानों ने आरोपी और किशोरी को रुपईडीहा सीमा चौकी (BOP) पर उस समय रोका जब वे भारत-नेपाल मैत्री बस में सवार हो रहे थे।
‘शादी और नौकरी दिलाने का झांसा दिया था’
अधिकारी ने कहा,‘‘उनकी हरकतें संदिग्ध प्रतीत होने पर जब उनसे पूछताछ की गई तो वे सही से जवाब नहीं दे सके जिससे हमारा शक और गहरा हो गया।’ जांच में पता चला कि नेपाल के कालीकोट जिले की निवासी किशोरी को वहीं के निवासी 21 साल के पारस बिष्ट ने शादी और बेंगलुरु में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। दोनों सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में आए थे। बेंगलुरु में काम करने वाले बिष्ट ने कथित तौर पर लड़की को उसके परिजनों को बताए बिना घर से भागने के लिए मनाया और उसे भारत ले आया।
दोनों देशों ने हाल में की थी हाई लेवल मीटिंग
कुमार ने बताया कि लड़की को नेपाल पुलिस की मौजूदगी में नेपाल के NGO को सौंप दिया गया। यह ऑपरेशन 42वीं बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट राज रंजन के नेतृत्व में चलाया गया। महाकुम्भ और गणतंत्र दिवस के आगामी समारोह के मद्देनजर, दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई एक हाई लेवल मीटिंग में मानव तस्करी और अन्य तरह की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर निगरानी और संयुक्त गश्त बढ़ाने पर सहमति बनी थी। (भाषा)