इस साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी दिन मंगलवार को है. मकर संक्रांति के दिन पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 10:17 बजे तक है, उसके बाद पुष्य नक्षत्र है. मकर संक्रांति वाले दिन माघ माह का शुभारंभ होगा और उस दिन माघ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी. इस दिन लोग स्नान और दान करके पुण्य की प्राप्ति करेंगे. मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करने का विधान है क्योंकि इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं और देवताओं का दिन प्रारंभ होता है. मकर संक्रांति के दिन से खरमास का समापन होता है और उस दिन से विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि मकर संक्रांति के दिन स्नान कब और कैसे करें? मकर संक्रांति के स्नान की विधि और नियम क्या हैं?
मकर संक्रांति 2025 मुहूर्त
मकर संक्रांति का समय: 14 जनवरी, सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर
मकर संक्रान्ति का महा पुण्य काल: सुबह 09:03 बजे से सुबह 10:48 बजे तक
मकर संक्रांति का पुण्य काल: सुबह 09:03 बजे से शाम 05:46 बजे तक
मकर संक्रांति ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 बजे से 06:21 बजे तक
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मकर संक्रांति पर स्नान कब करें 2025?
14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर आप गंगा स्नान महा पुण्य काल में करें. इसका समय सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक है. यदि आप किसी कारणवश इस समय में स्नान नहीं कर पाते हैं तो दिन में कभी भी कर लें क्योंकि मकर संक्रांति का पुण्य काल शाम 5 बजकर 46 मिनट तक है.
मकर संक्रांति स्नान का महत्व
मकर संक्रांति स्नान माघ के पहले दिन है. माघ माह में प्रयागराज के संगम में स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के अंत में मोक्ष मिलता है. यदि आप प्रयागराज के संगम में स्नान नहीं कर पाएं तो आप घर पर ही स्नान कर लें और उसका पुण्य प्राप्त करें.
मकर संक्रांति 2025 स्नान विधि
1. मकर संक्रांति के दिन आप महा पुण्य काल में नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डाल दें.
2. उसके बाद उस पानी में थोड़ा सा काला मिल भी मिला लें. मकर संक्रांति पर काले मिल के उपयोग का विशेष महत्व होता है.
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3. अब आप गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।। या ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।। मंत्र का उच्चारण करते हुए स्नान करें.
4. यदि आप मंत्र नहीं पढ़ सकते हैं तो मां गंगे का स्मरण करके स्नान करें और उनसे प्रार्थना करें कि जाने या अनजाने में किए गए पापों से आपको मुक्ति प्रदान करें.
5. मां गंगा ने भगीरथ के 60 हजार पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया था. मां गंगा के स्पर्श से आपके पाप मिट जाएंगे और आपको भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.
6. स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा करें और उनको जल अर्पित करें. फिर काले तिल, गुड़, खिचड़ी, गरम कपड़े आदि का दान करें.
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FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 08:34 IST