Digital personal data protection: केंद्र सरकार की तरफ से आज लंबे समय प्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी कर दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी करते हुए घोषणा की कि जनता को मौसौदा नियमों पर अपनी आपत्तियां और इस पर अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया है। जनता डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों पर अपना फीडबैक MyGov.in के माध्यम से दे सकेगी। सरकार जनता की तरफ से आने वाले फीडबैक पर 18 फरवरी 2025 के बाद विचार करेगी।
डिजिटल पर्सनल ड्राफ्ट रूल्स मसौदे में कई तरह के नियमों का उल्लेख किया गया है। यह मसौदा नियम बच्चो और दिव्यांग व्यक्तियों के पर्सनल डेटा की सुरक्षा के लिए सख्त उपाय को लागू करने पर जोर देता है। डिजिटल पर्सनल ड्राफ्ट रूल्स मसौदे के अनुसार जो संस्थाएं व्यक्तिगत डेटा को एकत्रित करने और उन्हें संभालने की जिम्मेदारी लेती हैं उन्हें नाबालिक बच्चों के डेटा को मैनेज करने से पहले उनके पैरेंट्स की इजाजत लेना जरूरी होगा। सहमति की पुष्टि के लिए संस्थाओं को डिजिटल टोकन का इस्तेमाल करना होगा। मतलब अगर कोई 18 वर्ष से कम आयु में सोशल मीडिया अकाउंट ओपन करता है तो अब संस्था को उस बच्चे के पैरेंट्स की इजाजत लेना अनिवार्य होगा।
वहीं दूसरी तरफ डिजिटल पर्सनल ड्राफ्ट रूल्स मसौदे में शैक्षणिक संस्थाओं और बाल कल्याण संगठनों के लिए नियमों को थोड़ा सरल रखा गया है। अधिसूचना में कहा गया, ”डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (2023 का 22) की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) की शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा अधिनियम के लागू होने की तिथि को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा प्रकाशित किया जाता है।”
मसौदा नियमों में डिजिटल डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत व्यक्तियों की सहमति लेने, डाटा प्रसंस्करण निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान तय किए गए हैं। अधिसूचना में कहा गया, ”उक्त मसौदा नियमों पर 18 फरवरी, 2025 के बाद विचार किया जाएगा।” मसौदा नियमों में डीपीडीपी अधिनियम, 2023 के तहत स्वीकृत दंड का उल्लेख नहीं किया गया है।