मुंबई. वरुण धवन की ‘बेबी जॉन’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. इस साल आई उनकी एक्शन-ड्रामा सीरीज ‘सिटाडेलः हनी बनी’ भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी. उन पर फ्लॉप हीरो का ठप्पा लगता जा रहा है. फ्लॉप होने के बाद भी वरुण धवन, अर्जुन कपूर समेत कई बड़े स्टार किड्स को लगातार फिल्में मिल रही हैं. लेकिन छोटे स्टार किड्स को मिलना मुश्किल हो रहा है. मीजान जाफरी, उत्कर्ष शर्मा, अभय देओल कुछ ऐसे ही स्टारकिड्स रहे हैं. अच्छी परफॉर्मेंस के बाद भी इन छोटे स्टारकिड्स को काम नहीं मिल पा रहा, जबकि बड़े स्टार किड्स फ्लॉप होने के बाद भी नए और बड़े प्रोजेक्ट्स पा रहे हैं.
विक्की कौशल, दिग्गज एक्श डायरेक्टर के बेटे हैं, लेकिन करियर के शुरुआत में उन्हें भी खूब रिजेक्शन झेलने पड़े. छोटे रोल मिले. लेकिन लो बजट ‘उरीः द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने उन्हें स्टारडम दिलाया. वरुण धवन शुरू से ही बड़े बजट की फिल्में मिली. करण जौहर जैसे बड़े प्रोड्यूसर मिले. विक्की कौशल सेल्फ मेड एक्टर बने. ‘उरी’ और ‘सरदार उधम’ से खुद को साबित किया.
अर्जुन कपूर को भी मिल रहा काम
अर्जुन कपूर ने अबतक के करियर में कोई खास हिट नहीं दी है, लेकिन उन्हें लगातार काम मिल रहा है. दिवाली के मौके पर रिलीज हुई ‘सिंघम अगेन’ में वह विलेन के किरदार में दिखें. हालांकि, इसके लिए उन्हें खूब सराहा जा रहा है. अब नेगेटिव रोल में उनकी इमेज गढ़ी जानी है, जिस तरह बॉबी देओल को ‘एनिमल’ के बाद कई ‘कंगूवा’ में नेगेटिव रोल में देखा गया. इसके श्री हरिहर वीरा मल्लू में भी वह नेगेटिव रोल में होंगे.
छोटे स्टारकिड्स को खुद करना होगा साबित
वहीं, उत्कर्ष शर्मा, जिन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर ‘गदर’ में काम किया. फिर ‘गदर 2’ में भी दिखाई दिए. इसके अलावा हाल में रिलीज हुई ‘वनवास’ में भी उन्होंने लीड रोल निभाया. उन्हें उनके पिता अनिल शर्मा के अलावा कोई और कास्ट नहीं कर रहा है. उन्हें भी विक्की कौशल की तरह खुद को साबित करना होगा. लव सिन्हा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.
इंडस्ट्री में छोटे-बड़े स्टारकिड्स की भी बहस
बॉलीवुड में नेपोटिज्म की ब्लैक एंड व्हाइट ही नहीं. यह एक ऐसा स्पेक्ट्रम है जहां कुछ खास स्टारकिड्स को इंडस्ट्री के भीतर बैठे लोगों और बड़े प्रोड्यूसर्स के सपोर्ट है, जिन्हें असफलताओं के बाद भी काम मिल रहा है. जबकि अन्य स्टारकिड्स को बिना किसी सपोर्ट के अपना रास्ता बनाना पड़ता है. ऑडियंस को भी अब समझ में आने लगा है कि इंडस्ट्री में आउटसाइडर्स-इनसाइडर्स बहस ही नहीं है. बल्कि बड़े और छोटे स्टारकिड्स के भी बहस है. विक्की कौशल जैसे ऐसे बड़े कलाकारों के बच्चों को टक्कर दे रहे हैं. प्रतीक बब्बर भी ऐसा ही नाम है. अब समय आ गया है कि बड़े प्रोड्यूसर भी ऐसे कलाकारों पर पैसा निवेश करें, जो अपनी प्रतिभा को आगे रखते हो न कि सरनेम को.
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FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 23:23 IST