गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड वजीरगंज के किसान वैज्ञानिक शिवकुमार मौर्य पेट के मरीजों के लिए रामबाण चूर्ण तैयार करते हैं. यह चूर्ण बेल के फल से तैयार किया जाता है. लोकल 18 से बातचीत के दौरान शिवकुमार मौर्य बताते हैं कि पेट के लिए बेल काफी फायदेमंद होता है. इसलिए वह बेल का चूर्ण बनाते हैं ताकि पेट के मरीजों को राहत मिल सके. इससे तैयार चूर्ण पेट के मरीजों की तमाम समस्या को दूर करता है.
बेल के चूर्ण के फायदे
शिवकुमार मौर्य बताते हैं कि बेल का चूर्ण प्राचीन काल से ही बनता आ रहा है. बेल का चूर्ण पेट के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है. यह कब्ज, एसिडिटी, पेट साफ ना होने, पेट भारी-भारी लगने समेत पेट से जुड़ी कई बीमारियों के लिए काफी अच्छा होता है.
सम्राट महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनाती हैं बेल का चूर्ण
गोंडा के विकासखंड वजीरगंज के ग्राम पंचायत अशोकपुर से देसी बल मंगाया जाता है. यह 12 महीने उपलब्ध होते हैं. इस बेल में यह खासियत होती है कि यह काफी अच्छा होता है.
कैसे तैयार किया जाता है बेल का चूर्ण
शिवकुमार मौर्य बताते हैं की बेल का चूर्ण तैयार करने के लिए सबसे पहले बेल मंगाते हैं फिर उसकी तुड़ाई होती है और अंदर से बेल का गूदा निकाल कर इलेक्ट्रॉनिक ड्रायर में सुखाया जाता है. उसके बाद बेल का चूर्ण तैयार होता है.
कैसे करें बेल चूर्ण का उपयोग
बेल के चूर्ण का उपयोग करने के लिए एक चम्मच बेल के चूर्ण के साथ एक गिलास गुनगुना पानी लिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 23:20 IST
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