जयपुर. एलोवेरा में अनेको आयुर्वेदिक गुण मौजूद है, इस कारण इसकी बाजार में भारी डिमांड रहती है. इसका उपयोग दवाई और सब्जी बनाकर भी किया जाता है. आयुर्वेद में इस पौधे की सबसे ज्यादा मांग बनी रहती है. यह पौधा औषधीय गुणों के रूप में विख्यात है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि एलोवेरा की लगभग 600 प्रजातियां मौजूद है इसकी सभी प्रजातियां गुणकारी नहीं होती है.
किसान एलोवेरा को फसल के रूप में भी उगाते आ रहे हैं. शुष्क व मरुस्थलीय भाग में एलोवेरा आसानी से उग जाता है. इस पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं रहती है. इसके हरे रंग की मोटी नुकीली पत्तियां की नोक आगे से झुकी रहती है. इस पौधे की पत्तियों पर सफेद धब्बे भी बने रहते हैं.
एलोवेरा पौधे का व्यवसायिक रूप में भी रोपण बड़े स्तर पर किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि एलोवेरा की तासीर ठंडी होती है. इसका सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करता है.
एलोवेरा के औषधीय गुण
डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि एलोवेरा का पौधा आयुर्वेद की खान माना जाता है. इस पौधे की सबसे ज्यादा मांग आयुर्वेदिक व कॉस्मेटिक क्षेत्र में रहती है.
1. त्वचा की समस्या के लिए फायदेमंद: एलोवेरा जेल त्वचा के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. यह स्क्रीन से जुड़ी हुई कई समस्या में काफी फायदेमंद होता है. एलोवेरा त्वचा की सूजन, दाग-धब्बे, सनबर्न और दूसरी समस्याओं में उपचार का काम करता है. कॉस्मेटिक क्षेत्र में एलोवेरा जेल स्किन पर ग्लो व एक्ने संबंधित समस्या में औषधीय रूप में काम में लिया जाता है.
2. पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाने में सहायक: एलोवेरा जूस पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में उपयोगी माना जाता है. एलोवेरा का सेवन पेट के समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच को दूर भगाने में सहायक होता है.
3. बालों को मजबूत बनाने में सहायक: एलोवेरा बालों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है. बालों के कमजोर होने, झड़ने, रूसी, डैंड्रफ व अन्य समस्याओं में एलोवेरा काफी फायदेमंद होता है.
4. वजन कंट्रोल करने में सहायक: एलोवेरा जूस मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है. इसके लगातार सेवन से वजन कंट्रोल रहता है. एलोवेरा में मौजूद पोषक तत्व वजन घटाने में बहुत उपयोगी माने जाते है.
4. शरीर के दर्द को दूर भगाने में सहायक: एलोवेरा का लगातार सेवन शरीर के दर्द में राहत प्रदान करता है. एलोवेरा दर्द और सूजन को कम करने में उपयोगी पौधा माना जाता है.
5. मधुमेह कंट्रोल करने में सहायक: आयुर्वेद एक्सपर्ट मानना है कि एलोवेरा रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में सहायक पौधा माना जाता है.
कैसे करें एलोवेरा का सेवन
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशनलाल बताते हैं कि एलोवेरा का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है. इसे जूस, जेल या कैप्सूल के रूप में प्रयोग में लिया जाता है. ग्रामीण हिस्सों में एलोवेरा के लड्डू भी बनाकर खाए जाते हैं. एलोवेरा के जेल को फेस पैक के रूप पर स्कीम पर लगाने पर ग्लो आता है. एलोवेरा का जूस खाली पेट पीने से पेट में ठंडक बनी रहती है.
कैसे लगाएं एलोवेरा का पौधा
एलोवेरा पौधों को लगाना काफी आसान व सरल होता है. इसको धूप की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है. इसे गमले व मिट्टी दोनों में आसानी से लगाया जा सकता है. गमले में लगाने के लिए सबसे पहले खाद वाली मिट्टी तैयार की जाती है फिर मिट्टी में गमले में भरकर पौधा रोपण किया जाता है. रोपण के बाद पानी दिया जाता है. फिर गमले को खिड़की या धूप वाली जगह पर रख देना चाहिए क्योंकि एलोवेरा को धूप पसंद है. धूप में यह पौधा अच्छी ग्रोथ करता है. इस पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं रहती है. पौधे की पत्तियों की देखभाल जरूर करते रहना चाहिए मुरझाया व पीली पतियों को गमले से तुरंत हटा देना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 12:01 IST
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