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Railway News: रेलवे के ड्राइवरों और गार्डों को अब विस्फोटक लेकर नहीं चलना होगा। इन दोनों फ्रंट लाइन कर्मचारियों को ट्रॉली बैग में पटाखा रखकर घर से ड्यूटी और ड्यूटी से घर आने-जाने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। गार्डों और चालकों को मिलने वाले पटाखे और अन्य उपकरण गार्ड रूम और इंजन में बने बॉक्स में रखे जाएंगे। इस व्यवस्था से गार्डों के सामने घर आते-जाते बैग से पटाखा खो जाने का भय नहीं रहेगा। साथ ही भारी-भरकम ट्रॉली बैग लेकर चलने की भी मजबूरी नहीं रहेगी। वे आराम से अपनी ड्यूटी तो करेंगे ही साथी सुकून घर भी आना-जाना कर सकेंगे।
दरअसल गार्डों के सामने इस समय सबसे बड़ा डर पटाखा को बैग में रखकर उसकी सुरक्षा का है। उन्हें हर समय यह डर सताता है कि कहीं रास्ते में उनका बैग चोरी या खो गया तो वह पटाखे का हिसाब से कहां से देंगे। चूंकि वह विस्फोटक होता है ऐसे में उसका कोई दुरुपयोग भी कर सकता है। लेकिन जल्द ही इस तरह की आशंकाएं दूर हो जाएंगी।
चालकों-गार्डों ने किया था विरोध
ट्रॉली बैग लेकर चलने का विरोध करने वाले गार्ड और लोको पायलट के यूनियनों ने जमकर की थी लेकिन रेलवे बोर्ड ने सभी दलीलों को दर किनार करते हुए ट्रॉली बैग लेकर ट्रेन चलाने की अनिवार्यता कर दी थी। बोर्ड ने साफ तौर पर निर्देश जारी किया है कि अब सभी लोको पायलट और गार्ड को ट्रॉली बैग लेकर ही चलना होगा। किसी भी सूरत में अब लाइन बाक्स नहीं दिया जाएगा। लगातार विरोध और कर्मियों की सुविधा को देखते हुए बाक्स की व्यवस्था की जा रही है।
ट्रॉली बैग में रखी जाने वाली सामग्री
टेल लैंप, हैंड सिग्नल, टार्च, पटाखा, लास्ट वेहिकल बोर्ड, फर्स्ट एड बाक्स, नियमावली पुस्तिकाएं व अन्य संबंधित जरूरी सामग्री।
क्या बोले गार्ड
पूर्वोत्तर रेलवे गार्ड काउंसिल के जोनल महासचिव शीतल प्रसाद ने कहा कि यह अच्छी पहल है। बाक्स लग जाने से हमे उपकरण साथ लेकर नहीं चलना होगा। सबसे अच्छी बात तो यह होगी कि पटाखा साथ लेकर नहीं चलना होगा। खो जाने पर मुकदमे का डर नहीं रहेगा।