मुंबई. अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन की तलाक की अफवाहों के बीच फिल्म ‘आई वॉन्ट टू टॉक’ रिलीज हुई. इसे क्रिटिक्स ने खूब सराहा. इसे अच्छी रेटिंग भी मिल रही है, लेकिन यह बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. सैकनिल्क की रिपोर्ट मुताबिक, फिल्म ने तीन दिन में 1.30 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. तलाक होने के रुमर, आराध्या के बर्थडे में गैर मौजूदगी जैसे पर्सनल मैटर की गॉशिप के बीच फिल्म के लिए उन्हें सराहा जा रहा है. अभिषेक ने चारों तरफ नेगेटिविटी से घिरे हुए हैं. ऐसे में उनकी सराहना उन्हें मजबूती दे रही है.
अभिषेक बच्चन ने इस ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि अपने पर्सनल लाइफ से जुड़ी नगेटिविटी से निपटने के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि कैसे वह चुनौतियों के बीच भी अपने आप से जुड़े रहते हैं और खुद के प्रति सच्चे रहते हैं.अभिषेक ने साझा किया, “हिंदी में एक शब्द है ‘दृढ़ता’ कहीं न कहीं, एक व्यक्ति के रूप में आप कौन हैं, उसे नहीं बदलना चाहिए.”
अभिषेक बच्चन ने कहा,”आपके मूल सिद्धांतों को नहीं बदलना चाहिए. आपको माहौल में ढलना और बढ़ना सीखना होगा. अन्यथा आप पीछे रह जाएंगे, लेकिन आपके फंडामेंटल वैल्यू नहीं बदलने चाहिए. इसलिए, मैं अब भी मानता हूं कि ‘जब बुरा अपनी बुराई न छोड़े तो अच्छा अपनी अच्छी क्यों छोड़े?’ मैं जो व्यक्ति हूं उसे बदल नहीं सकता”
अभिषेक बच्चन ने कहा, “मैं बहुत पॉजिटिव पर्सन हूं, और नेगेटिव बातों पर फोकस नहीं कर सकता. जब आप नकारात्मक बातों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो यह आप पर हावी हो जाता है.” उन्होंने अपनी पहचान और विश्वास के प्रति सच्चे रहने के महत्व के बारे में बात की.
अभिषेक बच्चन ने कहा,”साथ ही, एक आदमी के रूप में, आप कौन हैं? आप किसके लिए खड़े हैं? अगर मैं हवा में एक पत्ता बनकर रहूंगा, तो लोग कहेंगे कि वह एक ठोस व्यक्ति नहीं है. इसलिए, मेरे अंदर कुछ चीजें नहीं बदलती हैं. जब आप बादल पर एक चांदी की परत या धूप की किरण देखते हैं, तो उसे थामे रखें. क्योंकि यह आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा और कारण देगा. लोगों के लिए अंधकार और नकारात्मकता में डूब जाना बहुत आसान है… चाहे बाधा कितनी भी कठिन क्यों न हो, आशा की किरण खोजें.”
FIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 11:39 IST