बभनी (चंद्रसेन पांडेय)
बभनी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ताओं ने धुमाधाम से रक्षाबंधन का पर्व मनाया।इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता सुर्यकांत जायसवाल ने कहा कि भारतीय समाज में रक्षा बंधन का विशेष महत्व है।उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में बहन अपने भाई को, गुरु अपने शिष्य को तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भगवा ध्वज को राखी बांधता रहा है।यह ध्वज भारतीय संस्कृति का परिचायक है।भगवा ध्वज का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है।धर्म व संस्कृति से किसी भी धर्म व संस्कृति के प्रति व्यक्ति को निष्ठावान होना चाहिए।भारत भी कभी गुलाम था। इस पर विदेशियों का शासन था।उस समय शिवाजी, राणा प्रताप गुरु गोविंद सिंह, कई संतों व क्रांतिकारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर इसे गुलामी की जंजीर से मुक्त करायाआरएसएस अखंड भारत की कल्पना करता है।इसके लिए समाज को जगना होगा। उन्हें एकजुट होना होगा।सचेत रहना होगा। समाज में व्याप्त कुरीतियों से निपटना होगा।जातिगत भेदभाव से उपर उठना होगा।तभी जाकर यह सपना साकार हो पाएगा।वनवासी व समाज के गरीब लोगों के बीच जाना होगा।क्योंकि भारतीय संस्कृति हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देती है।परिवार की धारणा इसका उदाहरण है।दुनिया के किसी भी देश में परिवार का चलन नहीं है।रक्षाबंधन के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक धर्मजागरण विभाग के कार्यकर्ताओं ने भाई बहन के असीम प्रेम अटूट विश्वास एवं समर्पण के प्रतिक रक्षाबंधन पर्व को धूम धाम से मनाया गया।कार्यकर्ताओं ने एक दुसरे को तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधा और अपने धर्म के प्रति निष्ठावान बनने की अपील किया।इस दौरान डा हीरालाल, रविशंकर गुप्ता, सुनील गुप्ता, चन्द्रसेन पान्डेय, वशिष्ठ एंव अन्य नागरिक उपस्थित रहे।