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Agriculture News : FSSAI ने बासमती चावल की बिक्री को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. अब बासमती चावल को लेकर झूठे दावे, फर्जी ब्रांडिंग या मिलावट पर सीधे कार्रवाई होगी. नियम तोड़ने पर न सिर्फ मंडियों में फसल ठुकराई जाएगी, बल्कि किसानों-व्यापारियों की साख और कमाई दोनों पर असर पड़ेगा.
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बासमती चावल की शुद्धता बनाए रखने के लिए 30 जिलों में 12 कीटनाशकों पर 60 दिनों के लिए रोक लगा दी है. यह कदम बासमती चावल की गुणवत्ता और निर्यात को सुरक्षित करने के लिए उठाया गया है. प्रतिबंधित कीटनाशकों में ट्राइसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफास, टेबुकोनोजोल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, इमिडाक्लोप्रिड, कार्बेण्डाजिम और कार्बोफ्यूरान जैसे रसायन शामिल हैं.
कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि किसान बासमती बेचते समय ज्यादा उत्पादन, कृत्रिम खुशबू, विदेशी वैरायटी की मिलावट या बिना सरकारी प्रमाणन के ऑर्गेनिक टैग जैसे दावों से बचें. वरना खरीदार शिकायत कर सकते हैं और फसल की बिक्री पर रोक लग सकती है. इन मानकों का उद्देश्य ग्राहकों में असली बासमती की पहचान के बारे में जागरूकता बढ़ाना और नकली उत्पादों पर लगाम लगाना है. गौरतलब है कि कन्नौज जिले में हर साल लगभग 35,000 हेक्टेयर में बासमती की खेती होती है. गंगा किनारे वाले क्षेत्रों में इसकी अच्छी पैदावार मिलती है. लेकिन अगर किसान गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे तो मंडी में खरीदार उनकी फसल ठुकरा सकते हैं.
क्या बोले अधिकारी?
जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता ने कहा कि किसान केवल प्रमाणित बीज का इस्तेमाल करें और सरकारी सर्टिफिकेशन मिलने के बाद ही बासमती के नाम से बिक्री करें. साफ पैकिंग और असली पहचान ही बाजार में उत्पाद की कीमत और मांग बढ़ाएगी. उन्होंने बताया कि विदेशी बाजारों से बासमती को लेकर शिकायतें आ रही थीं, जिस वजह से निर्यात पर असर पड़ा है. इसलिए किसानों को 12 दवाओं का इस्तेमाल पूरी तरह छोड़ना होगा.

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें
