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Mathura Banke Bihari Temple: मथुरा के पावन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ और सुरक्षा की चुनौतियों को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने अब बड़ा निर्णय लिया है. वहां पर निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मी, जिन पर श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता और धक्का-मुक्की के आरोप लगते रहे हैं उन्हें हटा दिया गया है. उनकी जगह अब पूर्व सैनिक सुरक्षा संभालेंगे.
बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ समय पहले निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड तैनात किए गए थे. शुरुआत में यह व्यवस्था ठीक लगी, लेकिन समय बीतने के साथ ही समस्याएं सामने आने लगीं. श्रद्धालुओं का आरोप था कि सुरक्षाकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने के नाम पर उनके साथ धक्का-मुक्की और गाली-गलौज करने लगे. कई बार तो बात हाथापाई तक पहुंच जाती थी. ऐसी घटनाओं के कारण मंदिर में आने वाले भक्तों का अनुभव बिगड़ने लगा और माहौल अशांत रहने लगा.
इन लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने निजी सुरक्षा एजेंसी को हटाने और उनकी जगह पूर्व सैनिकों की तैनाती का निर्णय लिया. माना जा रहा है कि अनुशासन और मानवता की मिसाल पेश करने वाले पूर्व सैनिक मंदिर परिसर में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे. पूर्व सैनिकों को इस बात के लिए जाना जाता है कि वे तनावपूर्ण हालात में भी धैर्य और शांति से काम लेते हैं. ऐसे में उम्मीद है कि भीड़ नियंत्रण के दौरान श्रद्धालुओं को धक्का-मुक्की या अभद्रता का सामना नहीं करना पड़ेगा.
श्रद्धालुओं ने फैसले का स्वागत किया
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने इस फैसले का दिल से स्वागत किया. मुंबई से आई आशा नाम की श्रद्धालु ने कहा कि बहुत अच्छा है कि अब पूर्व सैनिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे. वे अनुशासनप्रिय होते हैं और भक्तों से सभ्य व्यवहार करेंगे. इसी तरह शालू नाम की महिला भक्त ने कहा कि वर्तमान सुरक्षाकर्मी अक्सर धक्का-मुक्की करते हैं और महिलाओं तक से गाली-गलौज करने से नहीं कतराते. लेकिन पूर्व सैनिकों के आने से यह सब खत्म होगा. वे सभ्यता और सहनशीलता का परिचय देंगे.
पूर्व सैनिकों के पास भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन का लंबा अनुभव होता है. वे अनुशासन में रहते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं और जरूरत पड़ने पर सख्ती दिखाने में भी सक्षम होते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि उनके प्रशिक्षण में मानवता और संवेदनशीलता पर जोर दिया जाता है. इसलिए उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि वे मंदिर आने वाले हर भक्त के साथ सम्मानजनक व्यवहार करेंगे. इस बदलाव से मंदिर का वातावरण शांतिपूर्ण और भक्तिमय बने रहने की संभावना और बढ़ जाएगी.
मंदिर प्रशासन का मानना है कि पूर्व सैनिकों की तैनाती से न केवल सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि मंदिर परिसर में होने वाली मारपीट या अभद्रता जैसी घटनाओं पर भी पूरी तरह रोक लग जाएगी. श्रद्धालु भी मानते हैं कि अब मंदिर का अनुभव और बेहतर होगा. भीड़भाड़ के बीच भी उन्हें सुरक्षा और सम्मान दोनों महसूस होंगे. ठाकुर बांके बिहारी की नगरी में यह फैसला निश्चित तौर पर एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है. इस तरह, बांके बिहारी मंदिर में सुरक्षा के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है. निजी सुरक्षा एजेंसी की जगह पूर्व सैनिकों की तैनाती ने भक्तों के बीच विश्वास और उत्साह दोनों को बढ़ा दिया है.
