Success Story: कहते है, अगर मन में कुछ बड़ा करने का जज्बा हो तो किस्मत भी साथ देती है. ऐसी ही कहानी है फर्रुखाबाद के कुटरा गांव की निवासी नम्रता की. जिन्होंने थोड़ी सी पूंजी से शुरुआत की थी, लेकिन आज उनके बनाए स्पेशल झाड़ू की कई जिलों में तगड़ी डिमांड है. देश में बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. सरकार लोगों से आत्मनिर्भर बनने और दूसरों के लिए भी रोजगार सृजित करने की अपील कर रही है ताकि बेरोजगारी को खत्म किया जा सके.
ऐसे में अगर आप भी बेरोजगारी से परेशान है और खुद के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देना चाहते है तो झाड़ू बनाने का बिजनेस एक बेहतरीन आइडिया है. यह बिजनेस कम पैसों में घर बैठे शुरू किया जा सकता है. लोकल18 से बात करते हुए कुटरा निवासी नम्रता ने बताया कि घरेलू जिम्मेदारी संभालने के साथ ही कुछ कारोबार करने का भी मन था. इसी को लेकर उन्होंने खुद ही समूह का गठन कराया और उनके द्वारा ही घर पर बचे समय में यह सभी महिलाएं फुल झाड़ू बनाती और पैकिंग करने के बाद बिक्री करती है.
कल्पना निदान महिला स्वयं सहायता समूह में कई प्रकार के कारोबार इस समय पर संचालित हो रहे है. इन कारोबारों के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ ही कमाई भी कर रही है. यहां पर तैयार किए गए झाड़ू को विभिन्न साइजों में बनाकर बिक्री किया जाता है, जो लोगों के घरों की रौनक बढ़ा रहे है. कभी गांव से शुरू किया गया यह कारोबार आज लगातार बढ़ता जा रहा है और इस प्रकार महिलाएं तगड़ी कमाई कर रही है.
फर्रुखाबाद के कुटरा गांव की निवासी नम्रता ने बताया कि वह सीजन पर ताड़ की लकड़ी के विभिन्न भागों को लेकर आती है, जिन्हें अच्छे से सफाई करने के बाद काटाई करती है और इसे एक अलग तरीके से कसाव से तैयार करती है. जब यह झाड़ू तैयार हो जाता है तो कई साइज़ों में प्लास्टिक के बॉक्स तैयार करके बिक्री कर देती है.
इस रोजगार के लिए प्राकृतिक झाड़ू का अलग महत्व है. बाजार में इन दिनों प्लास्टिक से बने झाड़ू भी मिल रहे है, लेकिन प्राकृतिक झाड़ू की मांग अभी बाजारों में कई गुना अधिक है. बाजार में तरह-तरह की झाड़ू मिलती है, जैसे घास, नारियल, ताड़ के पत्ते, मकई की भूसी आदि. जिससे झाड़ू बनाने का व्यवसाय आपको स्थानीय बाजार में अवसर प्रदान कर सकता है. इसके लिए आपको प्राकृतिक चीजों और झाड़ू बनाने की तकनीक को समझना होगा. आप अपने उत्पादों को स्थानीय दुकानों, बाजारों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेच सकते है. आप अपना खुद का ब्रांड भी बना सकते है और अपने उत्पादों की अलग-अलग दरों पर मार्केटिंग करके मुनाफा कमा सकते है.
नम्रता ने बताया कि कन्नौज, शाहजहांपुर, बरेली से लेकर आसपास के कई जिलों में भी उनके हाथों से तैयार किया गया झाड़ू खूब बिकता है. वह ग्राहकों को मजबूत और टिकाऊ झाड़ू देती है, जिसके कारण इसकी खूब बिक्री होती है और वह लाभ भी कमा रही है.
वैसे तो आमतौर पर झाड़ू को कारीगर ही तैयार करते है. लेकिन अगर आप कम समय में ज्यादा से ज्यादा झाड़ू बनाना चाहते है तो इसके लिए कच्चे माल के तौर पर झाड़ू के हैंडल कैप, प्लास्टिक टेप, स्ट्रैपिंग वायर आदि की जरूरत होती है, जिससे इस झाड़ू को आकार दिया जाता है. इसे प्लास्टिक टेप, स्ट्रैपिंग वायर की मदद से बांधा जाता है. झाड़ू बनाने के लिए ब्रूमकॉर्न की जरूरत होती है.