Last Updated:
Van Tulsi Ke Fayde : वन तुलसी का आयुर्वेद में कई तरीके से उपयोग बताया गया है, जिसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार की परेशानी दूर होती है, वन तुलसी वात पित्त के विकार के दोषों को दूर करता है और अन्य परेशानियों से …और पढ़ें
वन तुलसी
हाइलाइट्स
- वन तुलसी सर्दी-खांसी में फायदेमंद होती है
- वन तुलसी का काढ़ा पाचन समस्याओं में राहत देता है
- चिकित्सीय सलाह के साथ वन तुलसी का उपयोग करें
राजनांदगांव : वन तुलसी का आयुर्वेद में कई तरीकों से उपयोग बताया गया है. इसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार की परेशानी दूर होती हैं. वन तुलसी वात पित्त के विकारों को दूर करती है और अन्य परेशानियों से निजात दिलाती है. वन तुलसी, जिसे बर्बरी तुलसी भी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसमें कई आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं. यह सर्दी, खांसी, पाचन संबंधी समस्याएं और त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद होती है. इसके साथ ही, इसका उपयोग करने से कई प्रकार की परेशानी दूर होती है.
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. प्रज्ञा सक्सेना ने लोकल 18 को बताया कि वन तुलसी, जिसे जंगली तुलसी भी कहा जाता है, हमारे घरों में पाई जाने वाली तुलसी से आकार में बड़ी होती है. इसके पत्तियों के रस का उपयोग सर्दी में किया जा सकता है. 5 मि.ली. इसकी पत्ती के रस को शहद या अदरक के रस के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है. इसके अन्य भी औषधीय उपयोग हैं लेकिन उनका प्रयोग चिकित्सक की सलाह के साथ ही करना चाहिए. इसका उष्ण वीर्य होता है, इसलिए गर्भावस्था में इसके प्रयोग से बचना चाहिए.
वन तुलसी का कई समस्याओं में होता है उपयोग और लाभ
वन तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं. यह गैस, कब्ज, अपच और पेट की ऐंठन जैसी समस्याओं में राहत दिलाती है. वन तुलसी सर्दी-खांसी में फायदेमंद होती है और श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियों के इलाज के लिए कारगर साबित होती है. इसके साथ ही इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं.
वन तुलसी के उपयोग के तरीके
वन तुलसी के पत्तों को धोकर सेवन किया जा सकता है. इसके साथ ही इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है. वन तुलसी के पत्ते का प्रयोग चाय में भी किया जा सकता है. इसके अलावा, वन तुलसी का रस शहद में मिलाकर या अदरक के रस के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है, लेकिन वन तुलसी के प्रयोग से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.