भारत को आइसक्रीम बनानी है या चिप… क्या हम सिर्फ चीप लेबर जनरेट करके ही खुश रहेंगे? केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में हुए स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में कुछ ऐसे सवाल खड़े किये हैं, जो स्टार्टअप इकोसिस्टम और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स और चीनी स्टार्टअप्स की तुलना करते हुए कई कटाक्ष किए। गोयल ने कहा कि हम सिर्फ डिलीवरी बॉय और गर्ल बनाने में खुश हैं और उधर चीन ने सेमीकंडक्टर चिप्स और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डेवलप की है। गोयल के इन सवालों पर कई भारतीय स्टार्टअप्स के प्रमुखों ने अपनी टिप्पणियां भी दी हैं। आइए जानते हैं कि गोयल ने कौन-कौन से सवाल उठाए।
भारत के स्टार्टअप क्या कर रहे हैं?
पीयूष गोयल ने इंडिया वर्सेज चाइना स्टार्टअप इकोसिस्टम की टेबल दिखाते हुए कहा, ‘भारत के स्टार्टअप क्या कर रहे हैं और चीन के स्टार्टअप क्या कर रहे हैं.. इसे एक बार पढ़ना चाहिए। हो सकता है कोई मेरी आलोचना करे कि मैं दूसरे देश से तुलना क्यों कर रहा हूं। मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। हमें सीखना होता है। हमें आगे बढ़ने और इंस्पायर होने की तरफ देखना चाहिए। हमें भारत को दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाना है।’
हम चीप लेबर जनरेट करके ही संतुष्ट क्यों हैं?
गोयल ने कहा, ‘भारतीय स्टार्टअप आज क्या कर रहे हैं? वे फूड डिलीवरी एप्स पर फोकस कर रहे हैं। उधर चीनी स्टार्टअप इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डेवलप कर रहे हैं। बैटरी टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहे हैं। आज चीन इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम में डॉमिनेट करता है। भारत जो कर रहा है, उस पर मुझे प्राउड है। लेकिन क्या हमें इससे इंस्पायर होना चाहिए या डिलीवरी करके ही खुश होना चाहिए। हम चीप लेबर जनरेट करके ही संतुष्ट क्यों हैं।’
हमें आइसक्रीम बनानी है या चिप?
पीयूष गोयल ने आगे कहा, ‘मैंने कई स्टार्टअप्स की सक्सेस स्टोरीज देखी है। लोग फैंसी आइसक्रीम और कुकीज बना रहे हैं। हेल्दी आइसक्रीम, ग्लूटन फ्री और वीगन जैसे प्रोडक्ट्स वाली कई कंपनियां आ गई हैं। इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी, बेटिंग और फैंटेसी स्पोर्ट ऐप्स जैसे कई बिजनेस दिख रहे हैं। ये अपने आप को स्टार्टअप्स बोलते हैं। लेकिन ये स्टार्टअप नहीं हैं। ये बिजनेस हैं, एंटरप्रेन्योरशिप हैं, पैसा कमाने का बस एक तरीका है। उधर चीन में एआई और सेमीकंडक्टर में ग्रोथ हो रही है। वहां के स्टार्टअप्स देश को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। लेकिन भारत को क्या करना है? आइसक्रीम बनानी है या चिप बनानी है?’ गोयल ने बोट के सीईओ और शार्क टैंक के जज अमन गुप्ता पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘अमन गुप्ता शार्क टैंक में अपना पर्सपेक्टिव चेंज करो।’
जेप्टो के आदित पालिचा ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री के इन सवालों पर कई कारोबारियों ने अपनी बात रखी है। जेप्टो के को-फाउंडर आदित पालिचा ने कहा कि आलोचना करना काफी आसान है। खासकर जब, तब आपकी तुलना अमेरिका और चीन की तकनीकी उत्कृष्टता से की जा रही हो। पालिचा ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘जेप्टो पर आज करीब 1.5 लाख लोग अपनी आजीविका कमा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में जॉब्स एक ऐसी कंपनी ने जनरेट की है, जो 3.5 साल पहले अस्तित्व में ही नहीं थी। साथ ही कंपनी सराकर को हर साल 1000 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स दे रही है।’