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Ram Navmi 2025 Upay: 29 मार्च 2025 को शनि देव के मीन राशि में गोचर से भूकंप और ग्रहण जैसी घटनाएं हुईं. राम नवमी पर रवि पुष्य योग में शनि के उपाय करने से कष्ट कम हो सकते हैं.
रामनवमी पर रवि पुष्य योग में शनि के उपाय करने से कष्ट कम हो सकते हैं.
हाइलाइट्स
- 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर कर चुके हैं.
- रामनवमी पर रवि पुष्य योग में शनि के उपाय करें.
- मकर की साढ़ेसाती खत्म, मेष पर शुरू.
Ram Navmi par Sadhe sati Ka Upay : 29 मार्च 2025 को शनि देव के मीन राशि में गोचर के साथ ही देश और दुनिया में बड़ी हलचल पैदा हो गई. कई बार भूकंप, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण सहित कई ग्रहों का एक ही कक्षा में उपस्थित होना एक बड़ा घटनाक्रम है. इस घटनाक्रम का असर दुनिया पर साफ देखा जा सकता है. म्यांमार में हुआ भूकंप और अनेकों त्रासदियां इसका उदाहरण है. शनि के गोचर से कई राशियां प्रभावित हो रही हैं. रामनवमी के दिन अनेकों ज्योतिष योग बन रहे हैं. ये योग इतने शुभ हैं कि इनमे यदि शनि के उपाय किये जाएं तो स्वयं शनि देव भी आपको कोई कष्ट और पीड़ा नहीं देंगे.
साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव : शनि देव के कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करने से मकर राशि की साढ़ेसाती खत्म हो गई. कुंभ और मीन राशि के साथ मेष राशि साढ़ेसाती के प्रभाव में आ गई है. इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि की ढैय्या खत्म होकर सिंह और धनु राशि पर आ गई है.
राम नवमी पर रवि पुष्य योग : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कल 27 नक्षत्र होते हैं सभी नक्षत्रों का राजा पुष्य नक्षत्र को माना जाता है. यह क्रम में आठवें स्थान पर आने वाला नक्षत्र है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रवि पुष्य नक्षत्र को अमरेज्य माना गया है. यह जीवन में स्थिरता और शुभ संयोग लेकर आता है. इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि देव है. जिन जातकों की साढ़ेसाती और शनि की ढैया शुरू हुई है, वह जातक इस दिन यह खास उपाय करें.
- साढ़ेसाती से मुक्ति पाने के लिए जातकों को काले उड़द के साथ अपना तुलादान करके उड़द को बहते हुए जल में बहा देना चाहिए.
- शनि देव के नाम का एक दिया शनिदेव के समक्ष जलाएं और उसमें काले तिल डाल दें. अपने संकट से मुक्ति की शनिदेव से कामना करें.
- राम नवमी पर बना रहे रवि पुष्य योग में सात बार बजरंग बान और हनुमान चालीसा का पाठ करें अथवा सुंदरकांड का पाठ करें.
- हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाए एवं मीठा पान अर्पित करें. प्रसाद के रूप में अर्पित बूंदी को वहां मौजूद लोगों में बांट दें.