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सुल्तानपुर की अनुपम शुक्ला, प्राइमरी स्कूल अध्यापक, समाज सेवा में सक्रिय हैं. दिव्यांग बच्चों के कल्याण और बीमार लोगों की मदद में जुटी अनुपम, महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
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हाइलाइट्स
- अनुपम शुक्ला समाज सेवा में सक्रिय हैं.
- दिव्यांग बच्चों और बीमार लोगों की मदद करती हैं.
- महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं.
सुल्तानपुर: समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बेसहारा पीड़ितों और जरूरतमंदों की मदद के लिए पैदा होते हैं. सुल्तानपुर की अनुपम शुक्ला की कहानी भी ऐसी ही प्रेरणादायक है. उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य लोगों की मदद करना बना लिया. शिक्षा हो या अन्य कार्य, हर क्षेत्र में अनुपम शुक्ला ने लोगों की सहायता की है. इसके लिए उन्हें जिला और प्रदेश स्तर पर कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. इसीलिए सुल्तानपुर में उन्हें संघर्षशील महिला का दर्जा दिया जाता है और लोग उन्हें बहुत सम्मान से देखते हैं. आइए जानते हैं अनुपम शुक्ला के बारे में कि उन्होंने यह सब कैसे कर दिखाया.
इन क्षेत्रों में करती हैं काम
अनुपम शुक्ला प्राइमरी स्कूल में अध्यापक हैं, लेकिन वह शिक्षा के साथ-साथ समाज में भी सकारात्मक कार्य करती रहती हैं, जिससे अन्य महिलाएं प्रेरित होती हैं. अनुपम ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वह कई तरह के काम करती हैं, पर उनका मुख्य ध्यान दिव्यांग बच्चों के कल्याण पर रहता है.
बीमार लोगों की करती हैं मदद
स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुपम शुक्ला ने कई काम किए हैं, चाहे वह सामान्य बीमारी हो या गंभीर बीमारी. लोकल 18 से बात करते हुए अनुपम ने बताया कि उन्होंने एक बच्चे को हाइमायोपिया जैसी गंभीर बीमारी से ठीक करने की कोशिश की है और उसे नई रोशनी दी है.
महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्रोत
अनुपम शुक्ला आज अपने सामाजिक कार्यों के कारण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं. चाहे नशा मुक्ति के लिए लोगों को जागरूक करना हो या दिव्यांग बच्चों की आर्थिक और सामाजिक सहायता करना, अनुपम हर स्थिति में उनका समर्थन करती हैं.
यहां से मिली प्रेरणा
अनुपम शुक्ला एक प्राइमरी टीचर के रूप में बच्चों को पढ़ा रही हैं, लेकिन समाज सेवा की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली है.