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Russia Developed Cancer Vaccine: कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है. लेकिन अब कैंसर का द एंड होना तय है क्योंकि रूस ने कैंसर का टीका विकसित कर लेने का दावा किया है. लेकिन क्या इससे दुनिय…और पढ़ें
कैंसर वैक्सीन.
Russia Developed Cancer Vaccine: वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की मानें तो 2040 तक हर 5 में से एक व्यक्ति किसी न किसी तरह कैंसर की चपेट में आएंगे. ऐसे में रूस ने कैंसर का टीका विकसित कर लेने की घोषणा कर दी है. उसने मैसेंजर आरएनए पर आधारित वैक्सीन इजाद करने का दावा किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह टीका बहुत सालों बाद नहीं बल्कि कुछ ही महीनों के बाद लॉन्च किया जाएगा. प्री-क्लीनिकल ट्रायल में यह साबित हुआ है कि यह टीका कैंसर के ट्यूमर को दबाने में सफल है. वैक्सीन शरीर के इम्यून सिस्टम को इस कदर ताकतवर बना देता है कि जैसे ही कोई कोशिकाएं कैंसर सेल बनने की ओर बढ़ने लगती है, वैसे ही शरीर की इम्यूनिटी इसे खत्म कर देती है. कुछ समय पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टेलीविज़न पर दिए गए बयान में कहा था, कि हम कैंसर वैक्सीन्स और नई पीढ़ी की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाओं के निर्माण के करीब पहुंच चुके हैं.
दुनिया के लिए कितना फायदा
सर गंगाराम अस्पताल में कैंसर डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. श्याम अग्रवाल ने बताया कि दुनिया भर में कैंसर वैक्सीन को विकसित करने के लिए प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं लेकिन 2030 से पहले इनकी वैक्सीन आने की संभावना बहुत कम है. ऐसे में रूस किस तरह का दवा कर रहा है, यह तो वही जाने लेकिन जब यह वैक्सीन दुनिया के सामने आएगी तभी इसपर कुछ चर्चा की जा सकती है. फिर देखा जाएगा कि इसका फायदा दुनिया को कितना मिल सकता है.
एक घंटे में ही तैयार हो जाएगी वैक्सीन
गिंट्सबर्ग ने कहा कि हम इस वैक्सीन के निर्माण में आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क की मदद ले रहे हैं जिसके तहत एक घंटे के अंदर वैक्सीन को तैयार कर लिया जाएगा. अब तक पर्सनैलाइज्ड वैक्सीन बनाने में बहुत समय लगता है. इसमें कस्टमाइज्ड mRNA कैसा दिखना चाहिए इसके लिए गणितीय दृष्टिकोण से मैट्रिक्स विधियों का उपयोग किया जाता है जो बहुत लंबी प्रक्रिया है लेकिन न्यूरल नेटवर्क कंप्यूटिंग की मदद से इसे आधे से एक घंटे की बीच पूरा कर लिया जाएगा.
कैंसर को खत्म करने में वैक्सीन्स की भूमिका
वैक्सीन इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने के लिए उत्तेजित करती हैं.थेरेपेटिक कैंसर वैक्सीन ट्यूमर सेल्स के लिए जिम्मेदार खास प्रोटीन को टारगेट करती है. इसमें वह इम्यून सिस्टम को ही इस काबिल बना देती है कि वही कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर लें और उसे पहचान कर मार दें. उदाहरण के लिए कुछ वैक्सीन कमजोर या मोडिफाइड वायरस का इस्तेमाल कर एंटीजन तैयार करती है और इससे तुरंत ही इम्यूनिटी रिस्पॉन्स करने लगता है. एचपीवी जैसी वैक्सीन उस वायरस से रक्षा करती है जो सर्विकल कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं. शरीर के प्रतिरक्षात्मक प्रणाली को मजबूत कर कैंसर सेल के ग्रोथ को रोक दिया जाता है या दोबारा से पनपने नहीं दिया जाता है. यहां तक कि अर्ली स्टेज के कैंसर को भी रोक दिया जाता है.
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