Last Updated:
भारत में डायबिटीज के 10 करोड़ से ज्यादा मरीज हैं. इस बीमारी के लिए एम्पाग्लिफ्लोज़िन सबसे कारगर दवाई बताई जाती है. इसे बनाने वाली जर्मन कंपनी का पेटेंट अब 11 मार्च से खत्म हो रहा है. इसके बाद 60 रुपये में मिलेन…और पढ़ें
डायबिटीज के लिए सबसे कारगर बताई जाने वाली दवा अब 90% कम दामों पर मिलने वाली है.
हाइलाइट्स
- डायबिटीज के मरीजों के लिए एम्पाग्लिफ्लोज़िन सबसे कारगर दवाई बताई जाती है.
- अब इसे बनाने वाली जर्मन कंपनी का पेटेंट 11 मार्च से खत्म हो रहा है.
- इसके बाद 60 रुपये में मिलेनी वाली टैबलेट महज 9 रुपये में मिल सकेगी.
भारत में डायबिटीज से जूझ रहे करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. अब तक महंगे दामों पर मिलने वाली ब्लॉकबस्टर दवा एम्पाग्लिफ्लोज़िन (Empagliflozin) जल्द ही घरेलू दवा कंपनियां बेहद सस्ते दामों पर बेचेंगी. अब तक जिस दवा की कीमत 60 रुपये प्रति टैबलेट थी, वह 11 मार्च से केवल 9 रुपये में मिलेगी.
दरअसल 11 मार्च को जर्मन दवा कंपनी बोहरिंगर इंगेलहाइम (Boehringer Ingelheim) का पेटेंट खत्म होने वाला है. इसके साथ ही भारतीय कंपनियां इसे अपने ब्रांड के तहत लॉन्च करने के लिए तैयार हैं. इनमें मैनकाइंड फार्मा, टॉरेंट, अल्केम, डॉ. रेड्डी और ल्यूपिन जैसी प्रमुख दवा निर्माता कंपनियां शामिल हैं. खास बात यह है कि मैनकाइंड फार्मा इस दवा को इनोवेटर कंपनी की मुकाबले 90 फीसदी कम दाम पर बेचने की तैयारी कर रहे हैं.
डायबिटीज के लिए सबसे कारगर दवाई
मधुमेह और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों जैसे हृदय रोग और क्रॉनिक किडनी डिजीज के इलाज में इस दवा का उपयोग किया जाता है. भारत में 10.1 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और अधिकतर लोग अपनी जेब से दवा का खर्च वहन करते हैं. ऐसे में दवा की कीमत में यह बड़ी गिरावट मरीजों के लिए राहत लेकर आएगी.
विशेषज्ञों के अनुसार, एम्पाग्लिफ्लोज़िन का उपयोग हार्ट फेलियर को रोकने, किडनी की खराबी को धीमा करने के लिए किया जाता है. हालांकि, इसकी ऊंची कीमत के कारण अब तक यह सीमित मरीजों तक ही पहुंच पा रही थी. अब जब भारतीय कंपनियां इसे कम कीमत पर पेश कर रही हैं, तो यह लाखों लोगों के लिए एक वरदान साबित होगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स पहले ही बोहरिंगर इंगेलहाइम की तीन ब्रांडेड एम्पाग्लिफ्लोज़िन दवाओं का अधिग्रहण कर चुकी है. वहीं, मैनकाइंड फार्मा का कहना है कि वे उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल (USFDA प्रमाणित) के इस्तेमाल और अपने स्वयं के API (Active Pharmaceutical Ingredient) निर्माण से लागत को और कम करने में सक्षम हुए हैं.
भारत में मधुमेह का आर्थिक बोझ पहले से ही भारी है और बीमा कवरेज सीमित होने के कारण अधिकतर मरीज अपनी दवा का खर्च खुद उठाते हैं. ऐसे में, एम्पाग्लिफ्लोज़िन की कीमत में यह कटौती मधुमेह मरीजों के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं है.
New Delhi,Delhi
March 10, 2025, 09:27 IST