बीजिंग: चीन ने शुक्रवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी की इस सप्ताह के अंत होने वाली यात्रा का स्वागत किया है। चीन ने कहा कि यह घटनाक्रम लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेताओं और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद सामने आया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हम चीन और भारत के बीच विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की बैठक के लिए विदेश सचिव विक्रम मिसरी की आगामी चीन यात्रा का स्वागत करते हैं।’’
संबंधों को सुधारने पर बनी सहमति
माओ ने कहा कि पिछले अक्टूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और बढ़ाने पर आम सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि हाल में दोनों पक्षों ने इन साझा सहमतियों को गंभीरतापूर्वक लागू करने के लिए काम किया है। चीन और भारतीय विदेश एवं रक्षा मंत्रियों ने बहुपक्षीय मौकों पर एक-दूसरे से मुलाकात की है।
अजित डोभाल ने की थी बीजिंग की यात्रा
विदेश सचिव मिसरी अपने चीनी समकक्ष के साथ वार्ता के लिए रविवार से दो दिवसीय यात्रा पर बीजिंग जाएंगे। यह डेढ़ महीने से भी कम समय में भारत से चीन की दूसरी उच्चस्तरीय यात्रा होगी। पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने बीजिंग की यात्रा की थी। डोभाल ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के ढांचे के तहत चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बातचीत की थी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर होगी चर्चा
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश सचिव विक्रम मिसरी भारत और चीन के बीच विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की बैठक के लिए 26 और 27 जनवरी को बीजिंग की यात्रा करेंगे।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘इस द्विपक्षीय तंत्र की बहाली नेतृत्व स्तर पर हुए समझौते से हुई है, जिसमें भारत-चीन संबंधों के लिए अगले कदमों पर चर्चा की जाएगी। इसमें राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संबंध जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।’’ उम्मीद है कि दोनों पक्ष वार्ता में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के तरीकों और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
स्पष्ट रहा है भारत का रुख
भारत कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, भारतीय और चीनी सेनाओं ने लगभग साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त फिर से शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत-चीन संबंध 2020 के बाद की सीमा स्थिति से उत्पन्न जटिलताओं से खुद को अलग करने की कोशिश कर रहा है और संबंधों के दीर्घकालिक विकास पर अधिक विचार किए जाने की आवश्यकता है। (भाषा)
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