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Dharm Karm : दोनों उस समय कई जगहों से होते हुए यहां पहुंचे थे.
विश्वामित्र मार्ग
आजमगढ़. उत्तर प्रदेश का जिला आजमगढ़ ऐतिहासिक रूप से विशेष महत्त्व रखने वाले जिलों में से एक है. यहां पर रामायण कालीन इतिहास से लेकर ऋषि मुनियों के इतिहास तक और उनसे जुड़े कई ऐसे स्थान हैं जो उनके अस्तित्व का प्रमाण देते हैं. आजमगढ़ के अजमतगढ़ में ताल सलोना के पास एक ऐसा स्थान है जो भगवान राम और भगवान लक्ष्मण के गुरु विश्वामित्र के साथ उनके मिथिला प्रवास से लेकर वन गमन तक के इतिहास को अपने अंदर संजोए हुए है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्री राम छोटे भाई लक्ष्मण और मुनि विश्वामित्र के साथ मिथिला की यात्रा के लिए निकले थे, तो वे उस समय कई जगहों से होते हुए वहां तक पहुंचे थे. आजमगढ़ भी उन जिलों में से एक है जहां से भगवान श्री राम ने मिथिला की यात्रा की थी. यात्रा के दौरान मुनि विश्वामित्र ने भगवान श्री राम और भगवान लक्ष्मण को सरयू नदी के किनारे होते हुए मार्गोंं से यात्रा कराई थी.
विश्वामित्र मार्ग
आजमगढ़ पहुंचने के बाद तीनों जिले के अजमतगढ़ में स्थित ताल सलोन के पास से गुजरे थे, जिसे विश्वामित्र मार्ग कहा जाता है. तत्कालीन समय में ये जगह सरयू नदी का किनारा हुआ करता था. बाद में भौगोलिक परिवर्तन के कारण सरयू नदी वर्तमान जगह से कुछ दूर आगे खिसक गई. और अब यहां पर एक विशाल तालाब है जो मीलों दूर तक फैला हुआ है. इस तालाब को सरयू नदी का पेटा भी कहा जाता है, जिसे ताल सलोना के नाम से जाना जाता है.
प्राचीन मंदिर मौजूद
वर्तमान में इसी सलोना ताल के पास ही एक पुराना खंडहर नुमा भवन है और मंदिरों का समूह भी मौजूद है. यहां एक ही स्थान पर भगवान शिव, भगवान श्री राम और माता काली के पुराने मंदिर भी मौजूद हैं जिन्हें यहां के पूर्ववर्ती राज परिवार ने बनवाया था. इसी स्थान पर श्री राम वाटिका नाम से एक सुंदर उपवन भी है जो यह बताता है कि यह स्थान भगवान राम लक्ष्मण की यात्रा मार्ग का एक अहम पड़ाव था. इस स्थान को विश्वमित्र मार्ग भी कहा जाता है जिसका सूचना पट भी मौजूद है.
जीर्णोद्धार की राह
प्रशासन की अनदेखी के कारण ये स्थान वर्तमान में खंडहर में तब्दील हो चुका है. बात चाहे यहां पर मौजूद पुराने मंदिरों की हो या फिर यहां पर मौजूद श्री राम वाटिका की, ये सभी ऐतिहासिक स्थल वर्तमान में अपने जीर्णोद्धार की राह निहारे रहे हैं. आज भी रामायण कालीन ये ऐतिहासिक जगह केवल खंडहर के रूप में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.
Azamgarh,Uttar Pradesh
January 16, 2025, 23:52 IST
आजमगढ़ में यहीं से गुजरे थे प्रभु राम और लक्ष्मण, निकले थे मिथिला की यात्रा पर