नागपुर पुलिस ने एक सनसनी मामले का खुलासा किया है, जिसमें एक काउंसलर की काली करतूतों का पर्दाफाश हुआ है। यह शख्स महिलाओं और बच्चियों को काउंसलिंग के नाम पर अपने जाल में फंसाता था और फिर उनके साथ दुष्कर्म और कई तरह के अत्याचार करता था। सबसे बड़ी बात ये है कि यह काउंसलर सुंदर महिलाओं और लड़कियों को ही अपना निशाना बनाता था। काउंसलिंग के नाम पर उनका अश्लील वीडियो बनाता था और फिर उन्हें ब्लैकमेल किया करता था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया है। इसका पता तब चला जब एक छात्रा ने उसके खिलाफ केस दर्ज कराई।
अजीबोगरीब थी काउंसलर की आदत
मामले के पीड़ित संदीप आर पाटिल ने बताया कि उसने हमारे घर की एक महिला के साथ छेड़खानी की थी। वह स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर गलियों में घूमता था और मौके का फायदा उठाते ही महिलाओं के शरीर को छूने की कोशिश करता था। किसी महिला को सामने से स्पर्श करता था, तो किसी को पीछे से स्पर्श करके भाग जाता था। इन लोगों ने सीसीटीवी फुटेज निकाला जिसमें साफ दिख रहा है कि वह एक महिला को पीछे से छूते हुए भागा जा रहा है। फरियादी ने बताया कि वह बाइक चलाते हुए सुंदर महिलाओं को ही ढूंढता रहता था और उनके साथ ही ये हरकत करता था।
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अबतक तीन केस दर्ज
इस शख्स से जुड़ा पहला मामला नवंबर महीने में नागपुर के हुड़केश्वर थाने में दर्ज किया गया था। इसके बाद अबतक तीन केस दर्ज हुए हैं और पुलिस को उम्मीद है कि पीड़तों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। पुलिस ने पीड़ितों से अपील की है कि वे बिना डर के थाने में आएं और अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में बताएं तभी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस मामले में एक कमेटी भी स्थापित की गई है, जिसका नेतृत्व आईपीएस स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।
ऐसे करता था पूरी प्लानिंग
नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि आरोपी सर्टिफाइड काउंसलर है और जगह जगह जाकर सेमिनार करता था। वह 12वीं पास कर लेने वालो बच्चों के लिए काउंसलिंग के लिए जगह भी उपलब्ध कराता था। वह लोगों से कहता था कि गांव में जाकर वह काउंसलिंग नहीं कर पाएगा, इसलिए वह छात्रों को शहर में बुलाता था। उसके खिलाफ विविध मामलों में जांच चल रही है। आरोपी का नाम राजेश उर्फ सुंदरलाल ढोके है उसकी उम्र 47 वर्ष है। वह पिछले 15 वर्षों से नागपुर के पाचपवली थानाक्षेत्र में रहता है।
कमिश्नर ने कही ये बात
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वो क्लिनिक चलाता था और मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराता था। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मनोवैज्ञानिक और काउंसलर होने की वजह से इसने महिलाओं और लड़कियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक मदद का वादा किया करता था। पुलिस ने इस शख्स के खिलाफ दर्ज किए गए तीसरे मामले में उसकी पत्नी को भी आरोपी बनाया है।