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Bobble AI की एक रिपोर्ट से ये पता चलता है कि लोगों के जीवन में अगर सोशल मीडिया न हो तो उनका झुकाव किस तरफ होगा. इस रिपोर्ट को आप भी जरूर देखें.
नई दिल्ली. सोचिए जरा कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं होते तो लोग अपना समय ऑनलाइन कहां खर्च करते. ऐसा होता तो वो अपना समय ऑनलाइन शॉपिंग में गुजारते. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि बॉबल एआई की रिपोर्ट से ऐसा पता चलता है. बॉबल एआई की रिपोर्ट कहती है कि 11-12 दिसंबर 2024 से इंस्टाग्राम और फेसबुक के अप्रत्याशित बंद होने के दौरान, यूजर बिहेवियर में काफी बदलाव आया. उनकी ई-कॉमर्स, कम्युनिकेशन और म्यूजिक ऐप पर गतिविधियां बढीं. शॉपसी जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने प्रति उपयोगकर्ता औसत सत्र गणना (एएसयू) में 6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. जबकि फ्लिपकार्ट में एक प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और शॉपसी जैसे प्लैटफॉर्म पर हर यूजर औसत सत्र समय (ASTU) में लगभग तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई. म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई, जिसमें स्पॉटिफाई, जियोसावन और पॉकेट एफएम ने जुड़ाव में काफी वृद्धि दर्ज की. YouTube के सेशन टाइम में भी इसी तरह वृद्धि हुई, जो आउटेज के दौरान वीडियो कंटेंट की ओर झुकाव को दिखाता है.
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क्या कहती है रिपोर्ट
बॉबल एआई के मार्केट इंटेलिजेंस डिविजन की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूजर्स ने अपने पसंदीदा सोशल प्लेटफॉर्म की अनुपस्थिति में कहीं और शिफ्ट कर लिया. इस दौरान यूजर्स ने वॉट्सऐप जैसे कम्युनिकेशन ऐप पर भी खूब समय बिताया. यानी यूजर्स कनेक्टेड रहना चाहता है. इस बीच, गूगल मैप्स के उपयोग में भी मामूली वृद्धि देखी गई. इससे पता चलता है कि यूजर्स ने सोशल मीडिया के बजाय वास्तविक दुनिया की बातचीत को चुना. इसके विपरीत, स्नैपचैट पर ब्लैकआउट के दौरान गतिविधि में गिरावट देखी गई.
बॉबल एआई के मुख्य रणनीति अधिकारी तबरेज आलम ने कहा कि डेटा स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सोशल मीडिया आउटेज के दौरान यूजर ने अपना ध्यान कैसे बदला. मनोरंजन चाहने वालों ने संगीत ऐप और यूट्यूब की ओर रुख किया, बातचीत पसंद करने वालों ने वॉट्सऐप और गूगल मैप्स पर भरोसा किया, जबकि शॉपि ंग पसंद करने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर चले गए. यह बदलाव व्यवसायों और विज्ञापनदाताओं के लिए इनसाइट देता है. इससे यूजर्स के बिहेवियर में बदलाव को समझना आसान हो सकता है.