Benefits of Arjuna Bark: भारत में सदियों से आयुर्वेद के जरिए बीमारियों का इलाज किया जाता रहा है. तमाम जड़ी-बूटियां और पेड़-पौधे शरीर को चमत्कारी फायदे दिला सकते हैं. ऐसी ही एक लकड़ी अर्जुन की छाल (Arjuna Bark) है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इस छाल का पाउडर बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है और इस छाल को पानी में उबालकर पानी का सेवन करना भी लाभकारी माना जाता है. अर्जुन की छाल को प्राचीन काल से ही हार्ट डिजीज के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जाता रहा है. कई रिसर्च में इस सूखी लकड़ी को कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए चमत्कारी माना गया है. इतना ही नहीं, इस छाल का सही तरीके से सेवन करने से ब्लड शुगर को काबू में किया जा सकता है.
यूएस के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट के अनुसार अर्जुन एक औषधीय पेड़ है, जिसकी छाल का इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर व डिस्लिपिडेमिया जैसे रोगों के इलाज में किया जाता रहा है. प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा शास्त्रों में अर्जुन की छाल के फायदे बताए गए हैं. कई रिसर्च में पता चला है कि अर्जुन की छाल एंटी-इस्कीमिक, एंटीऑक्सीडेंट, हाइपोलिपिडेमिक और एंटीएथेरोजेनिक गुणों से भरपूर होती है. इस छाल में कई पावरफुल केमिकल कंपाउंड होते हैं, जो कार्डियोवस्कुलर हेल्थ के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. यह छाल इशेमिक कार्डियोमायोपैथी से राहत दिलाने में कारगर मानी गई है. हालांकि यह हार्ट डिजीज पर कितनी फायदेमंद है, इस बारे में ज्यादा रिसर्च की जरूरत है.
अर्जुन की छाल को सांस से जुड़ी समस्याओं और पाचन संबंधी परेशानियों से राहत दिलाने में असरदार माना गया है. आयुर्वेद में इस छाल के पाउडर को दूध या घी के साथ लेने की सलाह दी गई है. भारत के कुछ हिस्सों में अर्जुन की छाल का इस्तेमाल सिरदर्द और दांतों में कीड़े मारने के लिए भी किया जाता है. अर्जुन की छाल को डायबिटीज के ट्रीटमेंट के लिए भी उपयोगी माना जाता है. यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाती है. इससे शुगर के मरीजों को राहत मिलती है. अर्जुन की छाल का उपयोग पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और शरीर की आंतरिक सफाई में किया जाता है. यह शरीर से टॉक्सिक एलीमेंट्स को बाहर निकालने में सहायक है और शरीर को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाती है.
FIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 08:26 IST