नई दिल्ली. एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस Starlink अब भारत में लॉन्च की तैयारी कर रही है. लेकिन उससे पहले सरकार के एक सवाल ने सारा मामला रोक रखा है. दरअसल, कुछ दिनों पहले अंडमान और निकोबार में छापेमारी के दौरान तस्करों से स्टारलिंक डिवाइस बरामद हुए थे और सरकार ये जानना चाहती है कि इस डिवाइस को भारत में किसने खरीदा था. लेकिन एलन मस्क की कंपनी अपने कस्टमर्स की निजता का हवाला देकर इस सवाल का जवाब देने से बच रही है. इसे लेकर स्टारलिंक लॉन्च होने से पहले ही मुश्किल में फंस गई है. जबतक एलन मस्क की कंपनी ट्राई और सरकार को इस सवाल का जवाब नहीं दे देती है, तब तक सरकार की ओर से ओके मिलना मुश्किल है.
इस स्थिति ने सरकार के भीतर, खास तौर पर गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग में चिंता बढ़ा दी है. उन्हें चिंता है कि इन उपकरणों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो गृह मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग को मामले की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें: इस डिवाइस के साथ भारत में घूमते पकड़े गए तो जाना पड़ सकता है जेल; जानिए क्यों
क्या है पूरा मामला :
अधिकारियों ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ड्रग के भंडाफोड़ के लिए रेड मारी थी और इसके दौरान अधिकारियों को उनके पास स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट डिवाइस में से एक मिला था. तस्कर इस डिवाइस का इस्तेमाल नेविगेट करने में मदद के लिए कर रहे थे. जब सरकार ने स्टारलिंक से इस डिवाइस को मूल रूप से किसने खरीदा, इस बारे में जानकारी मांगी, तो कंपनी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें ग्राहकों की गोपनीयता की रक्षा करनी है.
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी देश में अपने संचालन पर निर्णय लेने से पहले स्टारलिंक से इस बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं कि वह अपने सिस्टम को कैसे सुरक्षित रखता है.
स्टारलिंक के लॉन्च में देरी
इस घटना के कारण भारत में स्टारलिंक के लॉन्च में देरी हो सकती है. सरकार ने पहले भी स्टारलिंक को तब तक काम करने की अनुमति देने में हिचकिचाहट दिखाई है जब तक कि वह कंपनी के सुरक्षा उपायों से संतुष्ट न हो जाए, जिसमें यह भी शामिल है कि वह अपने उपकरणों का दुरुपयोग कैसे रोकेगी और ग्राहक डेटा का उचित प्रबंधन कैसे सुनिश्चित करेगी. इसकी जानकारी कंपनी को देनी होगी.
Tags: Tech news, Tech news hindi
FIRST PUBLISHED : January 4, 2025, 17:25 IST