सुबह से शाम तक अगर आपको एक ही तरह की ठंड लग रही है. धूप निकलने के बावजूद गर्माहट का अहसास नहीं हो रहा है, तो समझ लिए कि आप कोल्ड वेव के घेरे में हैं. मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि हरियाणा से लेकर राजस्थान तक सीवियर कोल्ड वेव चल रही है. दिल्ली एनसीआर में भी सोमवार का दिन Cold Day के रूप में दर्ज किया गया. क्योंकि पिछले 2 दिनों से दिल्ली का अधिकतम तापमान कोल्ड डे कैटेगरी में था जबकि न्यूनतम तापमान 10℃ से ऊपर था.
कोल्ड डे होता क्या है
सर्दी के दिनों में ठंड पड़ना स्वभाविक है, लेकिन जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाए और अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाए तो इसे कोल्ड डे कहा जाता है. लेकिन जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है तो इसे सीवियर कोल्ड डे घोषित कर दिया जाता है. यह काफी खतरनाक स्थिति होती है. ऐसे मौसम में बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा बचाकर रखने की जरूरत होती है. हरियाणा में अधिकांश स्थानों पर दिन में कड़ाके की ठंड रही. अंबाला में अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस, हिसार में 14.5 डिग्री, करनाल में 13.2 डिग्री, रोहतक में 12.7 डिग्री और गुरुग्राम में 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंजाब में शीत लहर की वजह से पठानकोट में अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बठिंडा में अधिकतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
आगे का अनुमान
मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की और गिरावट आएगी. यानी नए साल की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ होगी. 31 दिसंबर और 2 जनवरी के दौरान शीत लहर होने का पूरा अनुमान है. नए साल का पहला दिन भी घने कोहरे के बीच मनाया जाएगा. यूपी में अगले पांच दिनों में तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की संभावना है. यहां कुछ इलाकों में ओले भी पड़ सकते हैं.
मौसम अचानक ठंडा क्यों हुआ?
- नार्थ इंडिया में शीतलहर समय से पहले आ गई. इसकी मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ है, जो 8 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों को प्रभावित कर रहा था और 9 दिसंबर से पूर्व की ओर बढ़ गया. यह अपने साथ 278 किमी/घंटा की रफ्तार वाली ठंडी हवा लेकर चल रहा है.
- एक और वजह है, दो महीने से लंबे वक्त तक मौसम सूखा था. खासकर पंजाब और हरियाणा में ज्यादा बारिश नहीं हुई. इसकी वजह से मिट्टी की नमी कम हो गई, जिससे ठंड का असर ज्यादा हुआ. तीसरी वजह है पहाड़ों पर भारी बर्फबारी. इससे ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों की ओर आईं, जिससे दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में शीलहर का प्रकोप है.
शीत लहर क्या है?
शीत लहर को कोल्ड स्नैप, कोल्ड स्पेल या आर्कटिक स्नैप भी कहते हैं. ऐसी स्थिति तब आती है, जब हवा काफी ठंडी हो जाती है. यह मानव शरीर के लिए काफी घातक होती है. इससे फसलों पर भी असर पड़ता है. न्यूनतम तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे कम होने पर आईएमडी शीतलहर की घोषणा करता है. मैदानी इलाकों में जब न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है तो शीत लहर की घोषणा की जाती है.
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FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 20:31 IST