अयोध्या: सनातन धर्म में साल का 12 माह विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है. साल 2025 का आरंभ होने जा रहा है और इसी के साथ नए साल की शुरुआत भी हो रही है. साल के पहले महीने में कई बड़े पर्व और त्यौहार भी मनाए जाते हैं जो बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. नए साल की शुरुआत में मकर संक्रांति का पर्व भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. संक्रांति के पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व भी होता है जब सूर्य मकर राशि में जाते हैं तो उसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है.
मकर संक्रांति का पर्व देश भर में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है लेकिन इन सभी में से मकर संक्रांति का विशेष महत्व भी होता है तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि साल 2025 में कब है मकर संक्रांति क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि .
जानें सही समय
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी को सुबह 8:55 पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. तो वहीं दान पुण्य का शुभ मुहूर्त भी 14 जनवरी को सुबह 7:15 से लेकर 1:25 तक रहेगा ब्रह्म मुहूर्त 5:27 से 6:21 तक रहेगा.
दान पुण्य का खास महत्व
सनातन धर्म में मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व भी बेहद खास होता है मकर संक्रांति के दिन लोग गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करते हैं दान पुण्य करते हैं कहा जाता है ऐसा करने से सूर्य देव की विशेष कृपा की प्राप्त होती है. कई जगहों पर मकर संक्रांति के दिन लोग मंदिरों में खिचड़ी भी चढ़ाते हैं इतना ही नहीं गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में नेपाल के राजा मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर में जाकर खिचड़ी चढ़ाते हैं पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग तरीके से भी मनाया जाता है.
FIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 21:23 IST