सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में कृषि, डेयरी या फिर उद्यान की पढ़ाई करने वाले उद्यमी बने सकेंगे. सभी जिलों में कृषि प्रशिक्षितों का चयन किया जा रहा है. इन्हें उद्यम चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा साथ ही खाद, बीज और दवा आदि की बिक्री करने का मुफ्त में लाइसेंस भी मिलेगा. चयनितों को बैंकों से ऋण मिलेगा और सरकार ब्याज पर अनुदान देगी. इसके साथ ही एक साल तक उनकी दुकान के किराए का भुगतान होगा.
ये है योजना
कृषि विभाग ने प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (एग्री जंक्शन) फिर शुरू की है. इस योजना के तहत युवाओं को चयनित करने की तैयारी है, बशर्ते उन्होंने कृषि, डेयरी या फिर उद्यान आदि किसी विषय से स्नातक की पढ़ाई की हो और उनकी आयु 45 वर्ष तक हो. प्रदेश के हर विकासखंड से एक-एक अभ्यर्थी को लाभ दिलाया जाएगा. अगर उस ब्लाक में कोई भी युवा कृषि आदि में स्नातक नहीं है तो कृषि विषय से इंटर या डिप्लोमा उत्तीर्ण को मौका दिया जाएगा. जिलों में उप निदेशक कृषि व बैंक के अधिकारी आवेदनपत्र लेकर युवाओं को नामित करेंगे.
चयनित कैंडिडेट्स को मिलेगी ट्रेनिंग
लोकल 18 से खास बातचीत में जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर हरिकृष्ण मिश्रा ने बताया कि विभाग की मंशा है कि कृषि की पढ़ाई करने वाले युवा दुकान संचालित करने में किसानों को खाद, बीज व दवा आदि के संबंध में जानकारी भी दे सकेंगे, क्योंकि अन्य दुकानदार ऐसा नहीं कर पाते हैं. चयनितों को ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से 12 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसमें उन्हें बिजनेस प्लान भी समझाया जाएगा, ताकि वे बेहतर उद्यमी बन सकें.
कितनी मदद मिलेगी
हर लाभार्थी को चार लाख रुपये की मदद की जाएगी, इसमें 50 हजार रुपये उसे खुद लगाना होगा, जबकि साढ़े तीन लाख रुपये का बैंक से ऋण दिलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ऋण पर लगने वाले ब्याज पर सरकार 42 हजार रुपये का अनुदान देगी. साथ ही एक साल तक उनकी दुकान के किराये (अधिकतम एक हजार रुपये) का भी भुगतान सरकार करेगी. श्री मिश्रा ने बताया कि योजना में चयनितों को खाद, बीज व दवा के लिए मुफ्त में लाइसेंस दिलाया जाएगा. चयनित वहां पर खेती से जुड़ी अन्य सामानों की भी बिक्री कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 08:05 IST