हर साल ठंड की शुरुआत होते ही दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बन जाता है, जिससे निपटने के लिए सरकार हर साल लाखों दावे तो करती है, लेकिन वो फिसड्डी ही साबित होती है। इस साल भी कुछ ऐसा ही आलम है। नवंबर की शुरुआत के साथ ही दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है। इस सीजन में आज सुबह दिल्ली की हवा सबसे खतरनाक स्तर पर है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 481 पर पहुंच गया है। यह अब तक की सबसे खराब श्रेणी है। प्रदूषण की वजह से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए आज से दिल्ली में GRAP-4 लागू कर दिया गया है। ग्रैप- 4 लागू होने का मतलब है कि प्रदूषण के स्तर में गंभीर स्थिति को देखते हुए कुछ कड़े कदम उठाए गए हैं। ग्रैप-4 के तहत कई तरह की पाबंदियां और दिशा-निर्देश लागू होते हैं। ऐसे में सबसे पहले जानते हैं कि ग्रैप- 4 लागू होने के बाद क्या-क्या खुला रहेगा?
क्या-क्या खुला रहेगा?
- सीएनजी और बीएस VI डीजल गाड़ियां चलेंगी।
- सीएनजी-इलेक्ट्रिक और जरूरी सेवाओं के ट्रक चलेंगे।
- अस्पताल, चिकित्सा सुविधाएं, और अन्य आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगी।
- 10वीं और 12वीं क्लास फिजिकल मोड में चलेंगी।
- सफाई से जुड़े प्रोजक्ट आदि काम जारी रहेंगे।
- केंद्र सरकार के दफ्तरों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर फैसला लिया जा सकता है।
- किराने की दुकानें, रिटेल दुकानें, फार्मेसी, पेट्रोल पंप और राशन वितरण केंद्र जैसी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।
- मेट्रो, बसों और टैक्सी सेवाएं चालू रहेंगी, ताकि जनता को यात्रा में कोई परेशानी न हो।
- बिजली, पानी, और स्वच्छता सेवाओं का संचालन बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा।
क्या-क्या प्रतिबंधित रहेगा?
- दिल्ली में डीजल से चलने वाले ट्रकों की एंट्री बंद।
- दिल्ली के बाहर के कर्मिशियल वाहनों पर रोक।
- निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध।
- नर्सरी से लेकर 11वीं तक के स्कूल बंद।
- सरकारी और प्राइवेट दफ्तर वर्क फ्रॉम होम मोड में चल सकते हैं।
- हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, टेली कम्युनिकेशन जैसे पब्लिक प्रोजेक्ट के लिए भी कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट गतिविधियों पर पाबंदी।
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