How To Deal With Asthma Attack: अस्थमा सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जो सांस की नली में सूजन और सिकुड़न के कारण होता है. इस बीमारी में लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है. दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान पटाखों से होने वाले धुएं और प्रदूषण के कारण अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. अगर किसी व्यक्ति को हद से ज्यादा पॉल्यूशन के कारण अस्थमा का अटैक आता है, तो इसे तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए. आज डॉक्टर से जानेंगे कि अगर किसी को अचानक अस्थमा अटैक आ जाए, तो तुरंत क्या करना चाहिए.
नई दिल्ली के साकेत स्थित डॉक्टर मंत्री रेस्पिरेटरी क्लीनिक के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री ने News18 को बताया कि सीवियर पॉल्यूशन की वजह से अस्थमा के मरीजों को अस्थमा अटैक आ सकता है. इस कंडीशन में सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, खांसी और आवाज में बदलाव शामिल है. अगर किसी को इन लक्षणों का अनुभव होता है, तो उसे तुरंत आराम करने की जरूरत है. अस्थमा अटैक के दौरान जरूरी है कि मरीज खुद को शांत रखें और ताजा हवा में जाएं. अगर स्थिति गंभीर हो जाती है, तो यह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके ट्रीटमेंट कराएं.
इनहेलर का करें इस्तेमाल
डॉक्टर ने बताया कि अगर कोई अस्थमा का मरीज है, तो उसके पास हमेशा उसका इनहेलर होना चाहिए. इनहेलर का सही समय पर उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है. जब अस्थमा अटैक शुरू होता है, तो एक-दो पफ इनहेलर के लेने से राहत मिल सकती है. लेकिन अगर इनहेलर से राहत नहीं मिलती है, तो तुरंत डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल पहुंचना चाहिए. अस्थमा के मरीजों को अपने इनहेलर के उपयोग के बारे में अच्छी तरह से जान लेना चाहिए. अस्थमा अटैक के दौरान मरीज को पानी या गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है. यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और सांस की नली को शांत करता है. अदरक या तुलसी की चाय श्वसन में राहत देने में मदद कर सकती है.
घर में साफ-सफाई रखें
घर के भीतर प्रदूषण को कम करने के लिए नियमित रूप से सफाई करना बहुत जरूरी है. धूल, धुआं और प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकते हैं. घर में एयर प्यूरिफायर लगाना और खिड़कियों को बंद रखना भी एक अच्छा उपाय है. साथ ही, धूम्रपान और तेज गंध वाले पदार्थों से बचना चाहिए. यह सुनिश्चित करें कि घर का वातावरण स्वच्छ और ताजगी से भरा हो. अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहना चाहिए ताकि वे अपनी स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकें और समय पर इलाज करवा सकें.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 13:09 IST