नई दिल्ली. अल्बानिया में होने वाली विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए चुने गए 12 पहलवानों के शुक्रवार को खेल मंत्री मनसुख मांडविया के आवास के बाहर डेरा जमाने और उनसे हस्तक्षेप की मांग करने के बाद सरकार ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारत की भागीदारी को मंजूरी दे दी. मंसुख मंडाविया ने कहा है कि पहलवानों को विश्व चैंपियनशिप में भाग लेना चाहिए.
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को तीनों भारतीय टीमों को चैंपियनशिप से हटाने का फैसला किया. साक्षी मलिक के पति पहलवान सत्यव्रत कादियान ने अंडर 23 और सीनियर विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल आयोजित करने के महासंघ के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
डब्ल्यूएफआई को मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था जबकि आईओए ने तदर्थ पैनल को बहाल करने से इनकार कर दिया है. कुश्ती की विश्व संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने हालांकि इस साल फरवरी में डब्ल्यूएफआई पर से निलंबन हटा दिया था. मांडविया ने पत्रकारों से कहा,‘‘कुछ पहलवानों ने आज मुझसे मुलाकात करके इस मुद्दे और अपनी चिंताओं से अवगत कराया. मैंने निर्देश दिया कि अदालत का मामला अदालत में जारी रहेगा लेकिन पहलवानों को विश्व चैंपियनशिप में भाग लेना चाहिए. उन्हें यह मौका मिलना चाहिए. मुझसे जो कुछ हो सकता था मैंने वह किया.’’
पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह के साथ मंत्री से मुलाकात की. बातचीत करीब एक घंटे तक चली. संजय सिंह ने कहा, ‘‘हमने मंत्री के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि महासंघ पर अवमानना का आरोप लगाया गया तो वह इसकी जिम्मेदारी लेंगे और टीम की भागीदारी को मंजूरी दे दी. टिकट पहले ही बुक हो चुके हैं और टीम रविवार सुबह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रवाना होगी.”
चार पुरुष फ्रीस्टाइल पहलवान उदित (61 किग्रा), मनीष गोस्वामी (70 किग्रा), परविंदर सिंह (79 किग्रा), संदीप मान (92 किग्रा) और ग्रीको-रोमन के पहलवान संजीव (55 किग्रा), चेतन (63 किग्रा), अंकित गुलिया (72 किग्रा), और रोहित दहिया (82 किग्रा) ने भी हरियाणा से आकर मंत्री के आवास के बाहर डेरा जमाया था. पहलवानों ने पहले अदालत का रुख किया लेकिन उन्हें बताया गया कि उनकी याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकती और उन्हें सुनवाई की तारीख मिल सकती है.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2024, 11:59 IST