अलीगढ़ मंडल में डिप्थीरिया (गल घोटूं) बीमारी पांव पसार रहा है। गुरुवार को जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में एक बालिका की डिप्थीरिया से मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
अलीगढ़ मंडल में डिप्थीरिया (गल घोटूं) बीमारी पांव पसार रहा है। गुरुवार को जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में एक बालिका की डिप्थीरिया से मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मगर मौके पर पहुंचकर सीएमएस ने मामले को संभाला और परिजनों को समझा बुझा कर शांत कराया। दोपहर बाद परिजन बालिका के शव को लेकर हाथरस चले गए। जानकारी के अनुसार हाथरस के नगला नत्थू गांव निवासी भूरे सिंह की 12 वर्षीय पुत्री खुशी पिछले एक सप्ताह से डिप्थीरिया बीमारी से पीड़ित थी।
पिछले कुछ दिनों से परिजन हाथरस में ही बालिका का उपचार करा रहे थे। गुरुवार को वह बालिका को लेकर अलीगढ़ पहुंचे। यहां किसी निजी अस्पताल में उपचार कराया, वहां हालात बिगड़ने पर चिकित्सक ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। दोपहर को लगभग 2 बजे परिजन बालिका को लेकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे।
हालत नाजुक देख चिकित्सक ने उपचार शुरू किया और इसकी सूचना अस्पताल में गठित टीम को दी। जानकारी मिलते ही डॉ. नीरज गुप्ता, डॉ. विनोद कुमार और डॉक्टर वैभव जैन मौके पर पहुंच गए। चिकित्सकों की टीम ने उपचार शुरू किया, लेकिन उपचार के दौरान ही बालिका ने दम तोड़ दिया। हंगामा की सूचना पर सीएमएस डॉक्टर जगबीर सिंह और पुलिस इमरजेंसी में पहुंच गए।
मेडिकल नहीं कर रहा डिप्थीरिया का उपचार
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर जगबीर सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के द्वारा डिप्थीरिया के मरीजों का उपचार नहीं किया जा रहा है। वहां पहुंचने वाले डिप्थीरिया के मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। जबकि वहां जिला अस्पताल से बेहतर और अच्छी सुविधा उपलब्ध है। फिर भी जिला अस्पताल में चिकित्सकों की तीन सदस्य टीम गठित कर डिप्थीरिया के मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
सीएमएसजिलाअस्पताल के डॉ. जगदीश सिंह वर्मा ने कहा कि हाथरस के एक बालिका की जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डिप्थीरिया से मौत हो गई थी। परिजनों ने हंगामा किया था, जिन्हें समझा बुझाकर शांत कर दिया गया था। अस्पताल के चिकित्सक के द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई। बालिका गंभीर हालत में इमरजेंसी आई थी।
डिप्थीरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी
सीएमएस डॉक्टर जगबीर सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल के इमरजेंसी में आए दिन डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चे आ रहे हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। यह बच्चे अलीगढ़ के अलावा कासगंज, हाथरस, बदायूं और बुलंदशहर जिले से आ रहे हैं।
कासगंज में हुई थी तीन बच्चों की मौत
पिछले महीने डिप्थीरिया से कासगंज में तीन बच्चों की मौत हुई थी। जबकि दो बच्चे बीमारी से पीड़ित है। जिनका उपचार कर बीमारी को ठीक कर दिया गया था। इसको लेकर एडी हेल्थ ने गांव का निरीक्षण भी किया था और ग्रामीणों को डिप्थीरिया का टीका बच्चों को लगवाने के लिए जागरूक किया था।