डाक विभाग में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी लगवाने वाले गिरोह के साथ मिलकर काम करने वाले दोनों डाक अधीक्षक को पुलिस गिरफ्तार करेगी। दोनों के खिलाफ साक्ष्य संकलन करते हुए एसटीएफ ने शासन और आला अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है। अफसरों की मानें तो गैंग लीडर के साथ दोनों आरोपियों का सीधा कनेक्शन है। ऐसे में इनकी गिरफ्तारी को हरि झंडी मिलते ही धरपकड़ की जाएगी।
एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने डाक विभाग में फर्जी दस्तावेज का उपयोग कर भर्ती कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ मंगलवार को किया था। 13 आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए उनके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पकड़े गए आरोपियों में गिरोह के सरगना साजिद और साकिब समेत तीन अन्य मददगार भी थे। वहीं, गिरफ्तार बाकी आठ आरोपी अभ्यर्थी हैं। यह भी खुलासा किया गया कि दो डाक अधीक्षक देवेंद्र कुमार सिंह और संजय कुमार सिंह भी गिरोह में शामिल हैं। इन लोगों को एक अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन कराने के लिए एक लाख रुपये की रकम मिलती थी।
देवेंद्र कुमार वर्तमान में सीपीएम झांसी में है, जबकि संजय कुमार सिंह अलीगढ़ में है। एसटीएफ ने दोनों के खिलाफ काफी साक्ष्य जमा किए हैं। मोबाइल पर हुए संपर्क के अलावा व्हाट्सएप पर बातचीत का रिकार्ड भी मिलना बताया गया है। दूसरी ओर गिरोह का सरगना साजिद का लगातार इन दोनों डाक अधीक्षक के पास आना जाना था। इसके अलावा भी बाकी साक्ष्य संकलन का काम किया गया है। एसटीएफ ने दोनों डाक अधीक्षक के खिलाफ रिपोर्ट आला अधिकारियों और शासन को भेजी है। ऊपर से अनुमति मिलते ही दोनों को गिरफ्तार किया जाएगा। एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि दोनों डाक अधीक्षक गिरोह के सदस्य हैं और दोनों की गिरफ्तारी की जाएगी।