यूपी सरकार की सख्ती का असर दिखाई देने लगा है। संपत्तियों का ब्योरा न देने वाले निकाय कर्मियों का वेतन रोकने का विभागीय आदेश जारी कर दिया गया है। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के आधार पर सभी कर्मियों को चल अचल संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य है। यह भी निर्देश है कि 30 सितंबर तक संपत्तियों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन न करने वालों का वेतन रोका जाएगा। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि संपत्तियों का ब्योरा न देने वालों का सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा और निदेशालय को यह भी बताया जाएगा कि कितने कर्मियों का वेतन रोका गया है।
अगस्त में भी सैलेरी रोकने का जारी हो चुका है आदेश
बतादें कि बीते अगस्त महीने में भी इसी तरह का आदेश योगी सरकार दे चुकी है। यूपी सरकार ने 31 अगस्त तक सभी कर्मचारियों से चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा था। साथ ही ब्योरा न देने पर वाले कर्मियों की सैलेरी रोकने का भी आदेश जारी किया था। दरअसल यूपी में कर्मियों की संख्या 17 लाख 88 हजार 429 है। इसमें से करीब 26 फीसदी ने ही ब्योरा ऑनलाइन दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने आईएएस और पीसीएस के बाद सभी वर्ग के अधिकारियों और कर्मियों के लिए चल-अचल संपत्ति का ऑनलाइन ब्योरा देना अनिवार्य किया है।
कार्मिक विभाग की ओर से जारी शासनादेश में पहले 30 जून तक इसे अनिवार्य किया गया था। इसमें कहा गया था कि संपत्तियों का ब्योरा न देने वालों को पदोन्नति नहीं दी जाएगी। फिर मोहलत बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई। इसके बाद मुख्य सचिव ने मानव संपदा पोर्टल की समीक्षा की। जिसें पता चला कि निर्देशों के बाद भी सभी कर्मियों ने संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया है। यह असंतोषजनक स्थिति है। कार्मिक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मानव संपदा पोर्टल पर पंजीकृत कुल अधिकारियों और कर्मचारियों में से सिर्फ 26 प्रतिशत ने ही ब्योरा दिया है।