सुल्तानपुर : अलसी की खेती सुल्तानपुर में ठीक-ठाक क्षेत्रफल में होती है. ऐसे में रवि की फसल के दौरान अलसी की बुवाई चालू है, लेकिन किसानों की अनभिज्ञता के कारण अलसी की पैदावार में हमेशा गिरावट रही है. इसलिए आज के इस वीडियो में जानते हैं कि अलसी की खेती किस विधि से करें, ताकि किसानों को तगड़ा मुनाफा हो सके. आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अलसी को सुपर फूड का दर्जा दिया गया है. सुल्तानपुर में अलसी की खेती कभी बड़े पैमाने पर होती थी, लेकिन अब बहुत कम हो गई है. लेकिन इसकी पैदावार को बढ़ाने के लिए खेती का असल तरीका क्या है आइए जानते हैं.
बीज बोने का यह है सही समय
कृषि विज्ञान केन्द्र सुल्तानपुर में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ जे बी सिंह ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि अलसी के बीज असिंचित क्षेत्रों में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में और सिंचित क्षेत्रों में नवंबर के अंत तक बोए जाते हैं. अक्टूबर और नवंबर माह अलसी की बुवाई के लिए बेहतर माना जाता है. आपको बता दें कि एक एकड़ में 10 किलोग्राम अलसी का बीज पर्याप्त माना जाता है. अगर हम अलसी की किस्मों की बात करें, तो अंसिंचित दशा के लिए पद्मनिया, लक्ष्मी-27, शारदा, जेएलएस-73 और जेएलएस-66 बेहतर प्रजाति का बीज माना जाता है.
बोने का यह है सही तरीका
सिंचित और समान्य दशा में अलसी की बुवाई के लिए बीज को भूमि में 02 से 03 सेमी. की गहराई पर बोना चाहिए. इस फसल की खेती के साथ एक अच्छी बात यह है कि इसमें ज्यादा सिंचाई की ज़रूरत नहीं होती है. फिर भी अच्छी पैदावार के लिए 2-3 सिंचाई कर देनी चाहिए. वहीं इसको बोने से पहले अलसी के बीजों को कार्बेन्डाजिम की 2.5 से 03 ग्रा. मात्रा प्रति किग्रा. बीज की दर से उपचारित कर लेना चाहिए.
जानिए अलसी के क्या हैं फायदे
अलसी एक औषधीय फसल है. आयुर्वेद में इसको दैवी भोजन माना गया है. अलसी के बीज से तेल निकाला जाता है जो कई बीमारी में लाभदायक माना जाता है. डॉक्टर के अनुसार अलसी के नियमित सेवन से हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, लिवर इनफेक्शन, जोड़ में दर्द आदि की समस्या से निजात मिलती है.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : November 27, 2024, 12:02 IST