यूपी के कानपुर में गुरुवार की देर रात पुलिस की मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में पुलिस ने एनकाउंटर करके लुटेरे को धर दबोचा। पुलिस ने इस लुटेरे को दबोचा है वह चकेरी निवासी सतेंद्र यादव है। हैरान कर देनी वाली बात ये है कि पिता रिटायर्ड दरोगा है। पिता के पुलिस में रहने के बावजूद बेटा गलत रास्तों पर कैसे चल पड़ा? इसको लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पुलिस ने बताया कि सतेंद्र ने 2014 में नौबस्ता में उसने एक महिला की चेन खींचने के विरोध में हत्या भी की थी। उसपर 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने घटनाक्रम की जानकारी देने के बाद आरोपित को जेल भेज दिया है। पुलिस ने उसके पास से एक तमंचा, दो कारतूस, लूटी गईं चार चेन और घटना में प्रयुक्त बाइक और 5600 रुपये बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार सतेंद्र पूछताछ के बाद उसके गिरोह के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
फूड डिलीवरी से दक्षिण की गलियां जान गया था सतेंद्र
डीसीपी साउथ ने बताया कि पिता के दरोगा होने के बावजूद सतेंद्र गलत रास्तों पर चलता रहा। कई साल पहले फूड डिलीवरी ब्वॉय की नौकरी की। इससेवह इलाकों की गलियों से परिचित हो गया। यही वजह है कि आरोपित ने जितनी भी लूट की वारदातें की वे गलियों में जाकर कीं। बीते रविवार को भी उसने पहले किदवईनगर सेंट्रल पार्क के पास चेन छीनी और फिर तेज रफ्तार से बाइक भगाकर सेनपश्चिम पारा के न्यू आजाद नगर पहुंचा। वहीं, सतेंद्र ने बताया कि वह सट्टा खेलने का शौकीन है। शौक के चलते कर्जा भी हुआ तो उसे चुकाने के लिए लूट की घटनाएं शुरू कर दीं। 2014 में वह लूट के प्रयास में वाई-ब्लॉक किदवईनगर निवासी सुनीता गुप्ता की हत्या के आरोप में आठ साल जेल में रहा है। छुटने के बाद उसने हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के एटीएम में चोरी की।