चोपन (मनोज चौबे)
– बारूद के ढेर पर ग्राहकों की जान, जिम्मेदार हैं मौन
– डीएसओ के स्टोनों बोले, साहब अभी है व्यस्त
चोपन। सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हित में बनाए गए नियमों को दरकिनार कर नगर में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवासायिक उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।नगर के किसी भी होटल, ढाबों, रेस्त्रां और दुकानों में व्यवासायिक के बजाए घरेलू रसोई गैस सिलेंडर खुलेआम लगे हुए नजर आ रहे हैं।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की निर्धारित नियमों को किस हद तक अनदेखी की जा रही है।गौरतलब हो की सरकारी व्यवस्था के तहत 5 किलोग्राम एवं 14.2 किलोग्राम वाला गैस सिलेंडर घरेलू उपयोग के लिए है। आमतौर पर 14.2 किलोग्राम वाला सिलेंडर घरों में उपयोग होता है।जबकि 19 किलो वाला गैस सिलेंडर व्यवसाय करने वालों के लिए है।वर्तमान में घरेलू गैस सिलेंडर 900 रुपए और व्यवासयिक सिलेंडर लगभग 2 हजार रुपए से ऊपर का है।इनकी कीमत में अंतर होने की बजह से कारोबारी घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं।
होटलों की जांच से परहेज करते हैं अधिकारी
होटल, ढांवों, रेस्त्रां में सिलेंडर के उपयोग, साफ-सफाई की बात हो या फिर खाद्य सामग्री की जांच यह कभी कभार ही देखने को मिलती है।इसकी वजह से कारोबारियों द्वारा धड़ल्ले से घरेलू गैस सिलेंडरों का उपयोग किया जा रहा है।विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही कारोबारी व्यवसायिक सिलेंडरों का उपयोग करना नहीं चाहते हैं।घरेलू गैस का उपयोग होने के कारण गैस की कालाबाजारी करने वाले भी पूरी तरह से सक्रिय हैं।होटलों में गैस का उपयोग ज्यादा होने के कारण आम उपभोक्ताओं को गैस का सिलेंडर समय पर भी नहीं मिल पा रहे है।
रिफलिंग के कारोबार पर भी नहीं है अंकुश
चोपन। रसोई गैस का न केवल व्यवसायिक उपयोग हो रहा है बल्कि सूत्रों की मानें तो इसकी रीफिलिंग की प्रक्रिया भी कई जगह चल रही है।इस कारण दुर्घटना घटित होने की आशंका रहने लगी है।लोगों का कहना है कि कालाबाजारी व रिफिलिंग का अवैध कारोबार मिलीभगत से हो रहा है।खुले बाजार में बिकने वाले छोटे साइज के एलपीजी सिलेंडर पूरी तरह अवैध हैं।ऐसे सिलेंडरों का इस्तेमाल एलपीजी की रिफिलिंग के लिए नहीं किया जा सकता है।ऐसा करने वाले पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी है।लेकिन कार्रवाई किसी पर भी नहीं हो रही है।जिससे गैस का अवैध कारोबार लगातार चल रहा है।वहीं इस बाबत जब जिलापूर्ति अधिकारी के फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका स्टोनों ने फोन उठाकर बताया कि साहब अभी व्यस्त है। लिहाजा इस विषय पर क्या कार्रवाई और क्या जांच होगी इसके बारे में उचित जवाब नहीं मिल सका।