गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में स्थित वीर अब्दुल हमीद सेतु एक ऐतिहासिक पुल है. यह भारतीय सेना के परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद की शौर्यगाथा का प्रतीक है. 1965 के भारत-पाक युद्ध में अपनी गन-माउंटेड जीप से सात पाकिस्तानी टैंकों को नष्ट करने वाले हमीद युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे. उनकी स्मृति में बना यह पुल गाजीपुर से जमानिया को जोड़ता है और बिहार समेत कई महत्वपूर्ण मार्गों का रास्ता है. यह पुल न केवल यातायात का केंद्र है बल्कि गाजीपुर के गौरव और देशभक्ति का प्रतीक भी है.
सुसाइड पॉइंट में बदलता पुल
गाजीपुर का गौरव माना जाने वाले वीर अब्दुल हमीद सेतु की हाल के हफ्तों में की छवि बदली है. समाजसेवी और छात्र नेता दीपक उपाध्याय के अनुसार, यह पुल अब सुसाइड पॉइंट बन चुका है. बीते 10-15 दिनों में यहां आत्महत्या की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है. रोज़ाना रात के अंधेरे में युवक और युवतियां पुल से छलांग लगाकर अपनी जान दे रहे हैं. पुल पर लगे स्ट्रीट लाइट्स कई वर्षों से खराब हैं और रात में गहरा अंधेरा छाया रहता है, जिससे आत्महत्या जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है.
दीपक उपाध्याय का आंदोलन और प्रशासन की उदासीनता
समाजसेवी दीपक उपाध्याय ने जिला प्रशासन को बार-बार इस मामले की गंभीरता से अवगत कराया है. उनका कहना है कि पुल पर जालीदार बैरियर लगाया जाए और स्ट्रीट लाइट्स को दुरुस्त किया जाए. हालांकि, प्रशासन ने इस मुद्दे को अब तक नजरअंदाज किया है. दीपक का आरोप है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है. उन्होंने पत्रक के माध्यम से भी अपनी मांगों को सामने रखा, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
वीर अब्दुल हमीद सेतु, जो कभी देश के गौरव का प्रतीक था वह आज प्रशासन की लापरवाही के कारण त्रासदी का केंद्र बनता जा रहा है. पुल पर सुरक्षा उपाय और प्रकाश व्यवस्था को ठीक करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि अनमोल जीवन को बचाया जा सके. समाज के हर वर्ग को इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए ताकि यह पुल फिर से गौरव का प्रतीक बन सके.
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FIRST PUBLISHED : November 26, 2024, 19:04 IST