नई दिल्ली. नीरज चोपड़ा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. भारतीय एथलेटिक्स की दुनिया के इस पोस्टर ब्वॉय का नाम आज हर देशवासी की जुबां पर है. टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने के बाद जैवलीन थ्रो एथलीट नीरज लगातार हर टूर्नामेंट में मेडल जीतकर देश का मान बढ़ा रहे हैं. नीरज देर रात डायमंड लीग फाइनल 2024 में सिर्फ एक सेंटीमीटर से ट्रॉफी चूक गए. हाथ चोटिल होने के बावजूद वह फाइनल में उतरे और दूसरे नंबर पर रहे. 14 साल की उम्र में 70 किलो वजन वाले नीरज चोपड़ा की जैवलीन में आने की कहानी बेहद दिलचस्प है. उनका निकनेम ‘सरपंच’ है. गांव के लड़के उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं.
लगाातर दो ओलंपिक में पदक जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को घर वालों ने मोटापा कम करने के लिए स्टेडियम भेजा था. लेकिन वहां जाकर उन्होंने दूसरे बच्चों को जैवलीन का अभ्यास करता देख उनका भी मन भाला फेंकने में लग गया. एक पॉडकास्ट में नीरज चोपड़ा ने बताया था कि जब वह बच्चे थे तब उनका वजन बहुत ज्यादा था. लोगों का कहना था कि वजन की वजह से वह खिलाड़ी नहीं बन सकते. उनका कहना था कि उस समय उन्हें बहुत बुरा लगता था. नीरज ने कहा कि जब वह 2011 में स्टेडियम गए और भाला फेंकना शुरू किया तो सब कुछ बदल गया. नीरज ने कहा बताया था कि, ‘यही से मेरी यात्रा शुरू हुई और 2021 में मैंने टोक्यो में स्वर्ण पदक जीता.’
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नीरज चोपड़ा का यूं पड़ा सरपंच नाम
नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि नीरज शर्ट पैंट की जगह कुर्ता पायजामा पहनते थे. इसलिए गांव के बच्चे उन्हें ‘सरपंच’ कहकर बुलाते थे. उनका वजर दूध और घी खाने से बढ़ गया था. भीम चोपड़ा ने बताया कि छोटी उम्र में जब नीरज का वजन बढ़ने लगा तब हम सभी चिंतित हो गए थे. इसके बाद फैमिली के सभी सदस्यों ने बैठकर इस पर गहन विचार विमर्श किया. हमने कहा कि इससे नीरज का शरीर खराब हो जाएगा. हमने शरीर को सही आकार में लाने के लिए उसे जिम ज्वॉइन कराया. पानीपत में जिम से सटे वीर शिवाजी स्टेडियम है.
नीरज चोपड़ा ने यूं भाला फेंकना शुरू किया
भीम चोपड़ा के मुताबिक एक बार मैं और नीरज स्टेडियम में बैठे थे. वहीं पर बच्चे जैवलिन का अभ्यास कर रहे थे. उन्हीं में से एक लड़का जिसका नाम जयवीर था उसने नीरज से कहा कि एक बार आकर देख लो. नीरज ने पहले प्रयास में ही दूर तक भाला फेंका इसके बाद जयवीर ने उसे जैवलीन में आने की सलाह दी. फिर नीरज इस खेल में आ गया और उसका इसमें मन लग गया.
नीरज की उपलब्धियां
24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड जीता था जबकि पेरिस ओलंपिक 2024 में उनके नाम सिल्वर मेडल है. वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में एक गोल्ड और सिल्वर जीत चुके हैं. डायमंड लीग में वह एक बार चैंपियन बने जबकि दो बार दूसरे नंबर पर रहे. एशियाई खेलों में वह दो बार गोल्ड जीत चुके हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में उनके नाम गोल्ड है जबकि एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स, पाओ नुरमी गेम्स और वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप में वह स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. नीरज को 2021 में मेजर ध्यानचंद अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है जबकि 2022 में वह पद्मश्री से सम्मानित किए गए. 2018 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया था.
Tags: Neeraj Chopra
FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 21:24 IST