सोनभद्र, विधि संवाददाता। अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को साढ़े छह वर्ष पूर्व चार वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी नार सिंह पटेल को उम्रकैद एवं एक लाख पांच सौ रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने पन्नूगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि, उसकी चार वर्षीय नाबालिग बेटी को 13 मार्च 2018 की शाम चार बजे जब वह खेल रही थी तभी रास्ते में नार सिंह पटेल, निवासी ऊंची खुर्द , थाना पन्नूगंज, उसकी नाबालिग बेटी को अपने घर ले गया और घर पर कोई नहीं था जिसकी वजह से उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। जब बेटी रोने लगी तो उसे छोड़ दिया। बेटी घर आकर अपनी मां से घटना की सारी बात बताई। जब शाम को अंधेरा होने पर खेत से काम करके घर आया तो पत्नी ने सारी बात बताई। उसके बाद भतीजे के मोबाइल से डायल 100 पर पुलिस को फोन से सूचना दिया। उसके बाद पुलिस ने दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। दौरान विवेचना विवेचक ने बयान लेने के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी नार सिंह पटेल को उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।