सोनभद्र (विकास द्विवेदी)
– भारतीय दंड संहिता (IPC) अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) में हुआ परिवर्तित
– अंग्रेजों के जमाने से लागू हुए कई कानून में बदलाव, नया कानून लागू
सोनभद्र। सदर कोतवाली परिसर में सोमवार को अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह के अध्यक्षता में नए कानून को लेकर बैठक आहूत की गई।इस दौरान 1 जुलाई 2024 से भारत में लागू हुए भारतीय न्याय संहिता के बारे में विस्तृत जानकारी लोगों से साझा की गई।जिसमें भारत में कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में बताया गया।एएसपी श्री सिंह ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के कई धाराओं को परिवर्तित कर नया रूप दे दिया गया है।जिसमें कठोरता कानून बनाया गया।अब बलात्कार के मामले में आईपीसी की धारा 376 की जगह (BNS) की धारा 64 की कार्रवाई की जाएगी।किसी भी विक्षिप्त के साथ दुराचार के मामले में BNS (66) की कार्रवाई होगी।जिसमें 20 वर्ष या आजीवन कारावास सजा है।16 वर्ष के कम वर्ष की बालिकाओं के साथ बलात्कार करने पर धारा (65)के तहत कार्रवाई होगी।जिसमें 20 साल की सजा है।अब अपराधों में दंड के साथ पीड़ित को जुर्माना भी अपराधी को देना होगा।सामूहिक दुष्कर्म होने के मामले में धारा (70A )के तहत कार्रवाई होगी। जिसमें मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास तक की सजा होगी।दोबारा अपराध के मामले में दुगनी सजा का प्राविधान है।जैसे किसी अपराध में आजीवन कारावास की सजा है।उस मामले में उसे मृत्युदंड दिया जाएगा।मोबाईल पर अश्लील फोटो वायरल करने पर धारा (78 बी) के तहत कार्रवाई होगी।पहले अपराधों में गैंगेस्टर की कार्रवाई नहीं होती थी।अब भारतीय न्याय संहिता में गैंगेस्टर की कार्रवाई होगी।हत्या की धारा (302) के मामले को धारा (103) के तहत कार्रवाई होंगी।गैर इरादतन हत्या (304 ए) में अब (106) की कार्यवाई किया जायेगा।पति या पत्नी के जीवित रहते अगर कोई दूसरी शादी करेगा, तो इस मामले में धारा (82) की कार्रवाई होगी और दूसरी शादी करने वाले को 7 वर्ष सजा होगी।विवाहित महिला को यदि कोई बहला फुसलाकर ले जाता है, तो पहले एनसीआर दर्ज होती थी। भारतीय न्याय संहिता के धारा (84) तहत कार्रवाई होगी। जिसमें दो वर्ष के कारावास के साथ जुर्माना भी है। महिलाओं से पारिवारिक हिंसा दहेज हत्या 304 (बी) अब (80) परिवर्तन किया गया है।व्यापारियों के द्वारा नाबालिक बच्चों से काम कराए जाने को लेकर चाइल्ड लेबर के मामले में तीन साल से दस साल की सजा बढ़ा दी गई है।अब इस मामले में धारा (95) के तहत कार्रवाई होगी।जो लोग बच्चों से चोरी कराते है उनके लिए धारा (97) के तहत कार्रवाई होगी और 10 साल की सजा होगी।बच्चियों लड़कियों को बहला फुसलाकर बेचने के मामले में धारा (98 )के तहत कार्रवाई होगी बेचने वालों के खिलाफ दस साल और उन्हें खरीदने वाले को 7 साल से 14 साल तक की सजा होगी।अब छेड़खानी में भी जमानत नही दी जाएगी।लापरवाही से मौत के कारण बनने के मामले (304 A) की जगह अब धारा (106) के तहत कार्रवाई होगी।चोरी के मामले में धारा (380) की अब (305) के तहत कार्रवाई होगी।मॉब लिंचिंग में 103 (2) के तहत कार्रवाई होगी।लूट की धारा आईपीसी (392) में अब बीएनएस 309 (4) की तहत कार्रवाई होगी।डकैती की धारा (395) में भी 310 (3) लिखी जाएगी।अब गवाहों की ऑडियो वीडियो मनायी जाएगी। संगठित गिरोह अपराध में (111) के तहत कार्रवाई की जाएगी।राष्ट्र विरोधी नारे में (113) के तहत कार्रवाई होगी। कोतवाल सतेन्द्र राय ने आमजन को जागरुक करते हुए बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नाम से जाना जाएगा। सीआरपीसी में 484 धाराएं थी नए कानून के तहत अब इसमें (531) धाराएं होगी।साथी ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (2023) के नाम से जाना जाएगा।पुराना साक्ष्य अधिनियम में (167) प्रावधान थे, लेकिन अब नए साक्ष्य अधिनियम में (169) प्रावधान हो गए हैं अब डिजिटल साक्ष्य की महत्ता बढ़ा दी गई है।नए कानून लागू होने से अब अपराधों में कमी होगी, क्योंकि नए भारतीय न्याय संहिता में ऐसा सजा का प्रबिधान है कि कोई अपराध करने से पहले कई बार सोचेगा।उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी मुकदमा लिखवाने वाले के खिलाफ वही सजा होगी जिस अपराध के लिए उसने दूसरे पर आरोप लगाया होगा।इस मौके पर सभासद मनोज चौबे, चंद्र प्रकाश दूबे, अजहर खान, मुस्ताक खान, सेराजुद्दीन समेत तमाम लोग मौजूद रहे।